दारोगा बहाली व जेपीएससी में स्थानीय को रोकने का आरोप

पूर्व मंत्री उमाकांत रजक के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल बोकारो : रांची में राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू से मंगलवार को पूर्व मंत्री उमाकांत रजक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. उमाकांत ने चयन आयोग पर दारोगा बहाली व जेपीएससी में स्थानीय को रोकने का आरोप लगाया. राज्यपाल को एक स्मार पत्र सौंपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2018 9:15 AM

पूर्व मंत्री उमाकांत रजक के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल

बोकारो : रांची में राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू से मंगलवार को पूर्व मंत्री उमाकांत रजक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. उमाकांत ने चयन आयोग पर दारोगा बहाली व जेपीएससी में स्थानीय को रोकने का आरोप लगाया. राज्यपाल को एक स्मार पत्र सौंपा गया. श्री रजक ने कहा कि वर्ष 2017 में दारोगा की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ था.

इसमें अभ्यर्थियों ने अंचल कार्यालय द्वारा निर्गत जाति प्रमाण समर्पित किया है. उसे स्वीकारते हुए चयन आयोग ने आरक्षण देकर पीटी, मेंस, मेडिकल व फिजिकल में पास किया था, लेकिन नियुक्ति के वक्त अंचल कार्यालय द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र में त्रुटि निकालकर खारिज कर दिया गया. इससे 259 अभ्यर्थियों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से 259 अभ्यर्थियों को बहाल करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की अपील की.

साढ़े तीन वर्षों से लंबित जेपीएससी के संबंध में बताते हुए कहा कि 28 जनवरी से जेपीएससी की मेंस परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित है. ऐसे हालात में नवयुवकों को पांच वर्ष में मात्र एक बार प्रशासनिक सेवा में आने अवसर मिलेगा.

जब तक प्रशासनिक सेवा में आदिवासी व मूलवासी पदस्थापित नहीं होंगे, झारखंड समृद्ध नहीं हो सकता है. प्रतिनिधि मंडल में केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी, अल्पसंख्यक महासभा के अध्यक्ष नजरूल हसन हासमी, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता, केंद्रीय संगठन सचिव साधु शरण गोप व नुरूल होदा शामिल थे.

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