बच्चों को मिजिल्स रूबैला का टीका जरूर लगवायें अभिभावक : डॉ राज
बोकारो : खसरा एक जानलेवा बीमारी है. बच्चों में अपंगता और मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है. यह संक्रमण से फैलता है. एक प्रभावित व्यक्ति द्वारा खांसने व छींकने से फैलता है. खसरा बच्चे में निमोनिया, दस्त व दिमागी संक्रमण का कारण भी बनता है. तेज बुखार के साथ त्वचा पर दिखायी पड़ने […]
बोकारो : खसरा एक जानलेवा बीमारी है. बच्चों में अपंगता और मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है. यह संक्रमण से फैलता है. एक प्रभावित व्यक्ति द्वारा खांसने व छींकने से फैलता है. खसरा बच्चे में निमोनिया, दस्त व दिमागी संक्रमण का कारण भी बनता है. तेज बुखार के साथ त्वचा पर दिखायी पड़ने वाले लाल चकते, खांसी, बहती नाक व लाल आंखे खसरा के आम लक्षणों में से एक है.बच्चों को बचाने के लिए अभिभावकों को गंभीर होना चाहिए. नौ माह से 15 साल के उम्र के बच्चों को एमआर (मिजिल्स रूबैला) का टीका लगवाना जरूरी है. यह बातें कैंप दो स्थित सीएस कार्यालय में शुक्रवार को यूनिसेफ के समन्वयक डॉ अमृतांशु राज व स्वास्थ्य विभाग के एमआर नोडल डॉ उत्तम कुमार ने प्रेस वार्ता में कही.
गर्भवती में संक्रमण नवजात के लिए घातक : डॉ राज ने कहा : अगर स्त्री को गर्भावस्था की शुरुआत में रूबैला संक्रमण होता है, तो जन्मजात रूबैला सिंड्रोम विकसित हो सकता है. यह सिंड्रोम भ्रूण व नवजात शिशुओं के लिए गंभीर व घातक साबित होता है. गर्भावस्था के दौरान रूबैला से संक्रमित माता से जन्मे बच्चे में दीर्घकालीन जन्मजात विसंगतियों से प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही दिल की बीमारी होने का खतरा रहता है. डॉ उत्तम ने कहा : रूबैला से गर्भवती स्त्री में गर्भपात, अकाल प्रसव व मृत प्रसव की संभावना बढ़ जाती है. एमआर व एमएमआर का टीका लगने पर भी
बच्चों को मिजिल्स रूबैला का टीका लगायें.