बिजली के नखरे से शहर में मची हाय-तौबा
बोकारो : बोकारो स्टील सिटी. कभी नियमित बिजली आपूर्ति के लिए यह शहर जिला में प्रसिद्ध था. यह अतीत की बात है, वर्तमान में स्थिति ऐसी है कि नियमित बिजली कटौती के लिए शहर प्रसिद्धि बटोर रहा है. बिजली के नखरे से शहर में हाय-तौबा मची है. कहने को तो बोकारो स्टील प्रबंधन को सिर्फ […]
बोकारो : बोकारो स्टील सिटी. कभी नियमित बिजली आपूर्ति के लिए यह शहर जिला में प्रसिद्ध था. यह अतीत की बात है, वर्तमान में स्थिति ऐसी है कि नियमित बिजली कटौती के लिए शहर प्रसिद्धि बटोर रहा है. बिजली के नखरे से शहर में हाय-तौबा मची है. कहने को तो बोकारो स्टील प्रबंधन को सिर्फ सेक्टर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति कराना है. लेकिन, बीएसएल की बिजली सेक्टर से बाहर भर्रा, सिवनडीह, चास, आगरडीह, रानीपोखर, आजादनगर, रीतुडीह समेत दर्जनों बस्तियों में भी अवैध रूप से जा रही है.
इसके अलावा सेक्टर क्षेत्र में अतिक्रमण के 15 हजार से अधिक घर-खटाल में बीएसएल की बिजली का इस्तेमाल हो रहा है. यह अनचाहा भार बिजली समस्या का कारण माना जा रहा है. सेक्टर चमकाएं या प्लांट को : बोकारो इस्पात संयंत्र व सेक्टर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बीपीएससीएल व डीवीसी के जरिये होती है.
बीएसएल प्लांट को हर दिन 320-350 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है. वहीं सेक्टर के लिए 55 मेगावाट बिजली चाहिए. बीपीएससीएल हर दिन 250 मेगावाट का उत्पादन करता है. शेष 200-235 मेगावाट बिजली डीवीसी से खरीदी जाती है. लेकिन, कोयला की कमी के कारण बीपीएससीएल का उत्पादन 100 मेगावाट से भी कम हो गया है. ऐसे में प्रबंधन के पास समस्या है कि बिजली की कम उपलब्धता के बीच प्लांट को तरीके से चलाया जाये या सेक्टर में बिजली दी जाये.
चिपचिपा गरमी में बिजली कर रही है परेशान : बोकारो हाल के दिनों में दो तरफा समस्या से परेशान है. एक तो बिजली की कटौती, दूसरी गर्मी. हालांकि रविवार को रिमझिम बारिश जरूर हुई, बावजूद इसके गर्मी से निजात नहीं मिली.
आज होगी ओपेन मीटिंग : बिजली समस्या समस्या के विरोध में दी सिटी सेंटर ट्रेडर्स एसोसिएशन सोमवार को सिटी सेंटर में ओपेन जेनरल मीटिंग करेगी. एसोसिएशन के महासचिव रंजन गुप्ता ने बताया : निर्णायक लड़ाई का वक्त आ गया है. बिजली की समस्या सीधे पेट पर वार कर रही है. प्रबंधन तरह-तरह से आर्थिक चोट दे रही है, ऐसे में पेट पर वार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.