ग्रामीणों ने एजेंट को पकड़ पुलिस को सौंपा

नावाडीह: नावाडीह थाना क्षेत्र के आहरडीह पंचायत अंतर्गत जुनोडीह गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने मंगलवार को नन बैंकिंग कंपनी गोल्डेन परिवार द्वारा लाखों रुपये लेकर चंपत होने से खफा होकर कंपनी के एजेंट जुनोडीह निवासी मनोज महतो को पकड़ कर उन्हें पुलिस को सौंप दिया. समाचार लिखे जाने तक नावाडीह पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2014 10:44 AM

नावाडीह: नावाडीह थाना क्षेत्र के आहरडीह पंचायत अंतर्गत जुनोडीह गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने मंगलवार को नन बैंकिंग कंपनी गोल्डेन परिवार द्वारा लाखों रुपये लेकर चंपत होने से खफा होकर कंपनी के एजेंट जुनोडीह निवासी मनोज महतो को पकड़ कर उन्हें पुलिस को सौंप दिया. समाचार लिखे जाने तक नावाडीह पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही थी. वहीं एजेंट मनोज महतो को हिरासत में ले लिया गया है.

क्या है मामला : मध्य प्रदेश की नन बैंकिंग कंपनी गोल्डेन परिवार के एजेंट मनोज महतो ने वर्ष 06-07 में गांव के रामू महतो, सुनील विश्वकर्मा, राजक राय, अरशद राय, अकबर राय से फिक्स डिपोजिट व बानु बीवी, हकीम राय, सिकंदर राय, गुलजार राय, कंचन देवी, मुनिया बीवी, समीना बीवी, जुलेखा बीवी, तोफिक राय सहित दर्जनों ग्रामीणों का रेकरिंग के रूप में हजारों रुपये जमा कराया था. वर्ष 13-14 में राशि भुगतान का समय पूरा होने पर उपरोक्त लोगों ने भुगतान की मांग की. इस पर एजेंट द्वारा कहा गया कि कंपनी पर मुकदमा दर्ज हो गया है. फरवरी-मार्च 2014 तक सभी को राशि दे दी जायेगी. इसके बाद मनोज गांव छोड़ कर फरार हो गया.

एजेंट को देखते ही भड़के ग्रामीण : मंगलवार की सुबह एजेंट मनोज कुमार को गांव में देख जुनोडीह के दर्जनों महिला व पुरुषों ने उसे उसके घर में घेर लिया. एजेंट जब आनाकानी करने लगा तो लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. तब पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.

एजेंट ने किया एकरारनामा : कंपनी के एजेंट ने जुनोडीह निवासी राजक राय के साथ व्यक्तिगत एकरारनामा भी किया है, जिसमें कहा गया है कि गोल्डेन परिवार के लिए रजक से 16 हजार रुपये ले रहा हूं. 12 साल में इन्हें इसके एवज में एक लाख 20 रुपये दिया जायेगा. यदि कंपनी भाग जायेगी तो इस राशि का भुगतान सूद के साथ वे करेंगे.

विधायक ने दिया मूलधन वापस करने का निर्देश : जानकारी मिलने के बाद विधायक जगरनाथ महतो थाना पहुंचे. ग्रामीणों द्वारा एकरारनामा दिखाने पर कहा कि एजेंट ने अगर ऐसा वादा किया है तो उन्हें कम से कम मूलधन भुक्तभोगियों को वापस करना होगा. थाना प्रभारी से कहा कि एक वर्ष में मूलधन की वापसी का एकरारनामा कर इनके अभिभावकों की सहमति प्राप्त कर गाढ़ी कमाई को वापस कराये.

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