बगैर शौचालय के आंगनबाड़ी केंद्र, लोगों को कैसे जागरूक करें सेविका-सहायिका
खुले में शौच जाने को विवश हैं आंगनबाड़ी केंद्रों के नौनिहाल बोकारो : एक ओर जिला व राज्य को खुले में शौच मुक्त करने की तैयारी की जा रही है. वहीं जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं होने के कारण बच्चे खुले में शौच जाने को विवश हैं. शौचालय विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों के आंकड़े […]
खुले में शौच जाने को विवश हैं आंगनबाड़ी केंद्रों के नौनिहाल
बोकारो : एक ओर जिला व राज्य को खुले में शौच मुक्त करने की तैयारी की जा रही है. वहीं जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं होने के कारण बच्चे खुले में शौच जाने को विवश हैं. शौचालय विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों के आंकड़े स्वच्छता व खुले में शौच मुक्ति के सारे अभियान की पोल खोल रहे हैं. हालात ये है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका सहायिका को ग्रामीण इलाकों में लोगों को शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित भी करना है, लेकिन उन्हीं के केंद्र शौचालय विहीन है. ऐसे में शौचालय के लिए उनके द्वारा फैलाये जा रहे जागरूकता का, लोगों पर कितना असर होगा. यह समझा जा सकता है. जिले में आंगनबाड़ी के लगभग सभी पुराने भवन में शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है.
नये भवन में साथ में शौचालय का निर्माण किया जा रहा है. कुल मिलाकर जिले में लगभग 2222 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. इसमें 1414 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं है. मात्र 808 आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय है. इसमें ओडीएफ घोषित हो चुके पेटरवार व बेरमो प्रखंड के कई आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं. ऐसे में जिला को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त)घोषित करने का सपना कैसे पूरा होगा. यह बड़ा सवाल है.
केस स्टडी – 1
चास प्रखंड के सिजुआ पंचायत में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र 298 का अपना भवन है. लेकिन शौचालय का निर्माण अधूरा है. केंद्र में शौचालय है, लेकिन सेफ्टी टैंक नहीं है. उसकी जगह पर सिर्फ गड्ढा खोद कर रख दिया गया है.
केस स्टडी – 2
चास प्रखंड के दीवानगंज में केंद्र है. इसका कोड 86 है. यशोदा देवी सेविका व प्रमिला देवी सहायिका हैं. केंद्र में शौचालय नहीं है. सेविका के अनुसार भवन पुराना है. इसमें पूर्व से ही शौचालय नहीं है. नया का निर्माण होना है.
डीएचएफएल कंपनी ने सीसीएसआर से जिले के विभिन्न प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में चिह्नित किया है. उसके अलावा सरकार के स्तर से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय का निर्माण कराया जायेगा.
मृत्युंजय कुमार बरनवाल, डीसी, बोकारो