मीटिंग डेट के वेट में यूनियन-इंप्लाई अपसेट
बोकारो : दुर्गा पूजा का काउंट डाउन शुरू हो गया है. लेकिन, अभी तक बोनस को लेकर एनजेसीएस की बैठक की तिथि निर्धारित नहीं हुई है. एनजेसीएस व गैर एनजेसीएस यूनियन के साथ-साथ बीएसएल कर्मी भी इंतजार कर रहे हैं. सेल प्रबंधन की चुप्पी से कर्मियों की बेचैनी बढ़ गयी है. चौक -चौराहे पर चर्चा […]
बोकारो : दुर्गा पूजा का काउंट डाउन शुरू हो गया है. लेकिन, अभी तक बोनस को लेकर एनजेसीएस की बैठक की तिथि निर्धारित नहीं हुई है. एनजेसीएस व गैर एनजेसीएस यूनियन के साथ-साथ बीएसएल कर्मी भी इंतजार कर रहे हैं. सेल प्रबंधन की चुप्पी से कर्मियों की बेचैनी बढ़ गयी है. चौक -चौराहे पर चर्चा भी शुरू हो गयी है. इधर, यूनियन नेताओं ने भी कमर कसना शुरू कर दिया है.
15 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक बोनस की डिमांड की जा रही है. यूनियन नेता ठेका मजदूरों को भी बोनस देने की डिमांड कर रहे हैं. बोनस को एनजेसीएस व गैर एनजेसीएस यूनियन के प्रदर्शन, विरोध, आम सभा का दौर शुरू हो गया है. बीएसएल कर्मियों में भी बेचैनी है. एनजेसीएस में शामिल पांचों यूनियन इंटक, सीटू, एक्टू, एचएमएस व बीएमएस के नेता जहां कर्मियों को सम्मानजनक बोनस देने की डिमांड कर रहे हैं, वहीं गैर एनजेसीएस यूनियन जय झारखंड मजदूर समाज, जनता मजदूर सभा, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ, बोकारो इस्पात जनता मजदूर संघ, झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन का मानना है कि बोनस कर्मियों का अधिकार है.
एनजेसीएस नेताओं ने कहा
टाटा स्टील सहित अन्य छोटे-छोटे स्टील प्लांट में कम से कम 21 हजार रुपया बोनस कर्मियों को मिल रहा है. ऐसे में बीएसएल कर्मियों को कम से कम 25 हजार रुपया बोनस मिलना हीं चाहिए. सेल में 70-72 हजार कर्मी हैं. बोनस देने में सेल को 100 से 150 करोड़ रुपया खर्च करना पड़ेगा, जो अन्य के मुकाबले कम है.
राजेंद्र सिंह, महामंत्री-क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस)
बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल मुनाफा में है. मैन पावर भी कम हो गया है. इसलिए बीएसएल सहित सेल कर्मियों को कर्मियों को कम-से-कम 31250 रुपया व ठेका मजदूरों को कम से कम 18000 रुपया बोनस मिलना चाहिए. उत्पादन में ठेका मजदूर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. बोनस से कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा.
रामाश्रय प्रसाद सिंह, महामंत्री-बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक)
गैर एनजेसीएस नेताओं की बात
बीएसएल कर्मियों को 21000 रुपया व ठेका मजदूरों को कम से कम आठ हजार रुपया बोनस मिलना चाहिए. बीएसएल सहित सेल भी इस बार प्रोफिट में हैं. इसका श्रेय सेल कर्मियों व ठेका मजदूरों को जाता है. सेल कर्मियों व ठेका मजदूरों ने बीएसएल सहित सेल के घाटा को पाटा है. इसलिए सम्मानजनक बोनस मिलना चाहिए. बोनस अधिकार है.
बीके चौधरी, महामंत्री-जय झारखंड मजदूर समाज
यूनियन की डिमांड है कि कर्मियों को 21 हजार रुपया व ठेका मजदूरों को एक माह का वेतन बोनस दिया जाये. अगर ऐसा नहीं हुआ तो चरणबद्ध आंदोलन होगा. बीएसएल कर्मियों व ठेका मजदूरों को सम्मानजनक बोनस की डिमांड को लेकर 27 सितंबर को प्लांट के भीतर आयोजित आम सभा से आंदोलन का आगाज होगा. यूनियन अपनी मांगों पर अडिग है.