सुदेश महतो स्वतंत्रता सेनानी के घर पहुंचे, कहा : धन्य है करमाटांड़ गांव, जहां बापू के चरण पड़े
नागेश्वर@गोमिया स्वराज स्वाभिमान यात्रा पर निकले आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड के करमाटांड़ स्थित गांवमें स्वतंत्रता सेनानी स्व लक्ष्मण माझी के यहां पहुंचे. झारखंड के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुदेश महतो ने करमाटांड़ की धरती को नमन किया. कहा : धन्य है करमाटांड़ गांव, जहां बापू के चरण पड़े. इससे पहले रात करीब […]
नागेश्वर@गोमिया
स्वराज स्वाभिमान यात्रा पर निकले आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड के करमाटांड़ स्थित गांवमें स्वतंत्रता सेनानी स्व लक्ष्मण माझी के यहां पहुंचे. झारखंड के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुदेश महतो ने करमाटांड़ की धरती को नमन किया. कहा : धन्य है करमाटांड़ गांव, जहां बापू के चरण पड़े.
इससे पहले रात करीब 11 बजे यहां पहुंचे सुदेश का संताली परंपरा से उनका स्वागत किया गया. बालाओं ने लोटा-पानी भेंट करके उनका स्वागत किया. स्वागत से अभिभूत श्री महतो ने हाथ जोड़करसभीको प्रणाम किया.
पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने स्व. माझी के खपरैल के घर में परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. उनका हाल-चाल जाना.उन्होंनेकहा,‘इसी खपरैल केघरमें कभी बापू ठहरे थे. आज यहां आकर मैं धन्य हो गया. खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.’
स्वतंत्रता सेनानी के परिवार के लोगों से मुलाकात केबाद उन्होंने कहा कि गांधी जी का सपना थाकि स्वराज की स्थापना हो. पर आजभीवो सपना अधूरा है. कहा कि महात्मा गांधी के चिंतन और दर्शन केकेंद्रमें गांव रहा है. स्वराज की अवधारणामेंउन्होंने गांव और गांव के आम लोगों की तरक्की को अहमियत दी थी. वह तबका आज भी सुविधाओं से वंचित है.
उन्होंने कहा कि बापू ने जिस स्वराज की कल्पना की थी, उसमें कहा गया था कि लोकतंत्र की बुनियाद नीचे से मजबूत होते हुए ऊपर तक जायेगी. सुदेश महतो ने कहा कि आधुनिकता एवं शहरीकरण की होड़ में गांव और गांव के सवाल पीछे छूट रहे हैं. जिस आमजन को गांधी देश की आवाज बनाना चाहते थे, वो आज भी अंतिम कतार में खड़ा है. कोई उसकी सुनने वाला नहीं है.
सुदेश महतो ने कहा कि गांव के समग्र विकास के लिए वह काम करेंगे. स्वतंत्रतासेनानी के परिवार के बीच सुदेश महतो चारसेपांच घंटे तकरहे.इस दौरान पार्टीके केंद्रीय महासचिव डॉ लंबोदर महतो भी थे. उन्होंने कहा कि जल्द ही स्व. माझीकीयाद में एक स्मारिका प्रकाशित करवायेंगे, ताकि वर्तमान पीढ़ी के लोग उनके महान कार्यों से परिचित हो सकें.
उन्होंने कहा कि स्मारिका में करमाटांड़ गांव, गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आगमन के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानी की पारिवारिक गाथा का भी उल्लेख होगा. रात में यहां झारखंड की संस्कृति की झलक दिखाते एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें झारखंड की संस्कृति से जुड़े गीत-संगीत एवं मांदर-ढोल की थाप पर ग्रामीण रात भर झूमते रहे.
स्वतंत्रता सेनानी स्व माझी के पोता राम प्रसाद माझी, पुत्र वधू मीना देवी, नतनी ढेनी देवी के अलावा सोनाराम माझी, गुणाराम माझी, बाबुदास माझी, लालचंद बेसरा, कृपाल बेसरासमेतपरिवार के कई सदस्य मौजूद थे. सहित कइ परिवार के सदस्य उपस्थिति थे.