बोकारो : एचआइवी मरीजों के लिए छह साल से काम कर रही हैं संगीता

बोकारो, धनबाद हजारीबाग, रामगढ़ व गिरिडीह कार्यक्षेत्र हर दिन सुबह ग्रामीण क्षेत्रों में निकल जाती हैं काउंसेलिंग करने बोकारो : धनबाद की रहने वाली संगीता मिश्रा पिछले छह वर्षों से एचआइवी पीड़ितों के लिए काम कर रही है. सिन्नी एनजीओ से जुड़ कर अब तक सैकडों लोगों को लाभ पहुंचा चुकी है. वर्तमान में कार्यक्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2018 9:52 AM
बोकारो, धनबाद हजारीबाग, रामगढ़ व गिरिडीह कार्यक्षेत्र
हर दिन सुबह ग्रामीण क्षेत्रों में निकल जाती हैं काउंसेलिंग करने
बोकारो : धनबाद की रहने वाली संगीता मिश्रा पिछले छह वर्षों से एचआइवी पीड़ितों के लिए काम कर रही है. सिन्नी एनजीओ से जुड़ कर अब तक सैकडों लोगों को लाभ पहुंचा चुकी है. वर्तमान में कार्यक्षेत्र बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग व रामगढ़ है. एमएसडब्लू (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) की पढ़ाई पूरी करने के बाद संगीता इस क्षेत्र में आयी. बताती है कि समाज में आज भी एचआइवी पीड़ितों के प्रति अच्छी धारना नहीं है. इसे मैं बदलने का प्रयास कर रही हूं. हर दिन सुबह ग्रामीण क्षेत्रों में निकल जाती हूं. जहां महिलाओं से मिलती हूं. कोशिश रहती है कि काउंसेलिंग के जरिये सबको समझा सकूं. वर्तमान (सत्र 2018-19 – अप्रैल से नवंबर) में चार एचआइवी पीड़ित महिलाओं का सामान्य प्रसव कराया गया है. अभी तीन एचआइवी पीड़ित गर्भवती है. जिसका प्रसव कराया जाना बाकी है.
मलाल है सेंटर नहीं लाने का : संगीता बताती है कि बोकारो जिले के जरीडीह प्रखंड की रहने वाली एक महिला एचआइवी से पीड़ित है. उसके दो बच्चे हैं.
दो वर्ष पूर्व जब महिला गर्भवती थी. तब मैं उससे मिली थी. जांच के बाद पता चला कि महिला एचआइवी पॉजिटिव है. दर्जनों बार घर जाकर काउंसेलिंग की. दोनों बच्चों की जांच आज तक नहीं हो पायी है. यह भी नहीं पता चल पा रहा है कि बच्चों को एचआइवी है या नहीं. काफी समझाने के बाद भी महिला तैयार नहीं है. आज भी प्रयासरत हूं. दो साल में आइसीटीसी सेंटर नहीं लाने का मलाल आज भी है.

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