बोकारो : सोशल मीडिया पर मिली मदद से बची चाय विक्रेता की जान
बोकारो : मन की बात से लेकर जन की बात का माध्यम बन गया है. लेकिन, बोकारो में यह किसी की जान बचाने वाला साबित हुआ है. सेक्टर 04/एफ स्थित अपना बाजार के चाय विक्रेता पप्पू कुमार की कुछ दिन पहले तबीयत अचानक से खराब हो गयी. रक्त में प्लेटलेट्स की कमी के कारण उसके […]
बोकारो : मन की बात से लेकर जन की बात का माध्यम बन गया है. लेकिन, बोकारो में यह किसी की जान बचाने वाला साबित हुआ है. सेक्टर 04/एफ स्थित अपना बाजार के चाय विक्रेता पप्पू कुमार की कुछ दिन पहले तबीयत अचानक से खराब हो गयी. रक्त में प्लेटलेट्स की कमी के कारण उसके बोन मेरो में समस्या आ गयी. इलाज के लिए मेदांता हॉस्पीटल-रांची रेफर कर दिया गया.
इलाज के दौरान पप्पू की जमा रकम समाप्त हो गयी. जबकि, इलाज के लिए ज्यादा पैसा की जरूरत थी. इस बात की जानकारी अपना बाजार के व्यवसायियों को मिली. व्यवसायियों ने अपने स्तर से मदद की. लेकिन, यह नाकाफी था.
इसके बाद व्यवसायियों ने बीएसएल के ब्लास्ट फर्नेंस के प्रबंधक दीपक कुमार लकड़ा से बात साझा की. दीपक कुमार ने इसकी जानकारी इटीएल के प्रबंधक अंकुर श्रीवास्तव को दी. श्री अंकुर ने ह्वाट्सअप ग्रुप में पप्पू की मदद का आह्वान किया.
बनी टीम, फौरन जमा हुए एक लाख
ह्वाट्सअप ग्रुप में पप्पू की सेहत संबंधी जानकारी साझा करने के बाद बीएसएल अधिकारियों ने टीम बनायी. टीम में हैवी मेंटेनेंस के सहायक महाप्रबंधक सुभाष कुंभारे, एसएमस 02 के वरीय प्रबंधक जितेंद्र, डीएडब्लु के उपप्रबंधक हिमांशु, स्लैबिंग मिल के सहायक प्रबंधक राहुल प्रियदर्शी, इटीएल के अंकुर श्रीवास्तव, आरएमपी के रवि भूषण व अपना बाजार के एक व्यवसायी राजू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. सोशल मीडिया से मदद की अपील की गयी. दो-तीन दिनों में एक लाख रुपये का कलेक्शन कर पप्पू के खाता में जमा कर दिया गया.
12 दिसंबर को जितेंद्र, हिमांशु व राहुल प्रियदर्शी ने रांची जाकर स्थिति का मुआयना करने का फैसला किया, ताकि आगे की प्लानिंग की जा सके. वहां के डॉक्टर से मिले, उन्हें सारी बातें बतायी और उनसे भी कुछ मदद की अपील की. चिकित्सकों ने भी पप्पू के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया.
फीस के 20000 रुपया माफ कर दिया. इलाज में 05 लाख रुपया का खर्च आया. तीनों अधिकारी पप्पू को लेकर वापस बोकारो आ गये. वर्तमान में पप्पू की तबीयत स्थिर है.