अस्सी और नब्बे के दशक में दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली माधुरी दीक्षित का कहना है कि उनके कॅरियर की शुरुआत के दौरान लोग उन्हें हतोत्साहित करते थे कि वे बॉलीवुड में अपनी जगह नहीं बना पाएंगी.
कल एक समारोह में माधुरी ने कहा, ‘‘एक महिला होने के नाते आपको किसी न किसी मुश्किल से होकर गुजरना ही पड़ता है. जब मैंने बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की थी तो कई लोगों ने मुझसे कहा कि मैं इसे नहीं कर सकती, यह एक अच्छी जगह नहीं है, मैं इंडस्टरी में अपनी जगह नहीं बना सकती. लेकिन उस समय मुझे खुद पर यकीन था. मैंने काम किया और सबके सामने यह साबित कर दिया कि मैं कर सकती हूं.’’ माधुरी ने कहा, ‘‘जब आप चुनौती को स्वीकार करने के लिए खुद को लगा देते हैं तब आपको अपनी ताकत का अंदाजा होता है.’’
वर्ष 1984 में फिल्म ‘अबोध’ से अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाली माधुरी को वर्ष 1988 में आई ‘तेजाब’ से शोहरत मिली. इसके बाद इन्होंने ‘राम लखन’, ‘बेटा’, ‘दिल’, ‘साजन’, ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘दिल तो पागल है’ जैसी हिट फिल्में दीं.
वर्ष 1999 में उन्होंने अमेरिका आधारित सजर्न श्रीराम नेने से विवाह कर लिया. इसके बाद वर्ष 2002 में संजय लीला भंसाली की ‘देवदास’ की. इसके बाद उन्होंने फिल्मों से ब्रेक लिया और फिर वर्ष 2007 में आदित्य चोपड़ा के होम प्रोडक्शन की ‘आजा नचले’ से वापसी की.
माधुरी अब नए निर्देशक सौमिक सेन की आगामी फिल्म ‘गुलाबी गैंग’ में नजर आएंगी. इस फिल्म में उनके साथ जूही चावला, माही गिल, शिल्पा शुक्ला भी हैं. इसके अलावा वे विशाल भारद्वाज की ‘डेढ़ इश्किया’ में नजर आएंगी.
अपनी फिल्म ‘गुलाबी गैंग’ की मार्केटिंग के लिए तैयार अनुभव सिन्हा ने ‘बिलीव’ नामक एक अभियान शुरु किया है, जिसमें भारतीय महिलाओं की जीत और उनकी कहानियों का जश्न मनाया जा रहा है.
इस अभियान की शुरुआत के लिए कल शाम सिन्हा, माधुरी और जूही को साथ लेकर एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया.
जूही ने कहा, ‘‘हमारे पास ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो किसी कारण विशेष के लिए खड़ी हुईं और उन्होंने एक अलग ही कहानी बनाई. जब तक आप खुद पर जोर नहीं देते तब तक आपको अपनी क्षमताओं का अहसास नहीं होता.’’