गिरिडीह संसदीय क्षेत्र : भाजपा और झामुमो का आमने-सामने मुकाबला

गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में भाजपा और झामुमो का अामने-सामने मुकाबला होता रहा है. लोकसभा चुनाव 2014 में भी इन दोनों पार्टियों के बीच मुकाबला था, जिसमें भाजपा के सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने झामुमो के जगरनाथ महतो को लगभग 40 हजार मतों से पराजित किया था. श्री पांडेय की संसदीय कार्यवाही के दौरान उपस्थिति 91 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2019 2:18 AM
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गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में भाजपा और झामुमो का अामने-सामने मुकाबला होता रहा है. लोकसभा चुनाव 2014 में भी इन दोनों पार्टियों के बीच मुकाबला था, जिसमें भाजपा के सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने झामुमो के जगरनाथ महतो को लगभग 40 हजार मतों से पराजित किया था. श्री पांडेय की संसदीय कार्यवाही के दौरान उपस्थिति 91 प्रतिशत रही.

इस दौरान उन्होंने 165 बार बहस में हिस्सा लिया, जबकि 503 सवाल उन्होंने पूछे. इसके पूर्व इस सीट पर लोकसभा चुनाव 2004 में झामुमो का कब्जा था. झामुमो के टेकलाल महतो गिरिडीह के सांसद थे. 2009 में वर्तमान सांसद श्री पांडेय ने टेकलाल महतो को हरा कर भाजपा को यह सीट दिलायी थी. 2014 के चुनाव में श्री महतो का निधन होने की वजह से झामुमो ने जगरनाथ महतो को उतारा था.

श्री महतो दूसरे नंबर पर रहे. इस बार के चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी नहीं दिया है. भाजपा ने यह सीट एनडीए गठबंधन को सौंप दी है. इस सीट से आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी एनडीए उम्मीदवार बनाये गये हैं. एनडीए गठबंधन को एक बार फिर से झामुमो के टिकट पर जगरनाथ महतो चुनौती देंगे.

विकास के साथ-साथ आधारभूत संरचना मजबूत की : रवींद्र पांडेय

राकेश वर्मा, बेरमो : पांच साल के कार्यकाल में गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में विकास के लिए हर क्षेत्र में काम किया. कई योजनाएं धरातल पर भविष्य में उतरेंगी. आधारभूत संरचना को मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया. 24 घंटे में 18 घंटे लोगों के बीच काम करता रहा.

अटल जी के समय कोडरमा रेल लाइन का शिलान्यास हुआ. लेकिन, कोडरमा के बाद काम रुक गया. दिल्ली में दबाव देकर महेशपुर तक काम चालू कराया. पारसनाथ स्टेशन से गिरिडीह तक रेल लाइन निर्माण का मामला उठाया. जिसे स्वीकृति मिल गयी है.
गोमो जंक्शन पर फ्लाई ओवर छह माह में तैयार हो जायेगा. डुमरी-गिरिडीह-मधुपूर टू लेन निर्माण की स्वीकृति परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिल कर दिलायी. गिरिडीह शहर को रिंग रोड से जोड़ने की स्वीकृति दिलायी. राज्य सरकार द्वारा जमीन का मुआवजा देने के बाद इसका काम शुरू हो जायेगा.
धनबाद-गोविंदपुर-महाराजगंज रेल लाइन का सर्वे हो गया है. नीति आयोग में योजना चली गयी है. देवीपुर में एम्स लाने में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का सर्पोट किया. गिरिडीह से कोलकाता के लिए पहले बोगी लगती थी, जो बंद हो गयी थी.
इसे पुन: जुड़वाया. गिरिडीह शहर में इंटीग्रेटेड पावर की व्यवस्था करायी. पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से 69 करोड़ की लागत से केबलिंग सिस्टम किया जा रहा है. गिरिडीह नगर निगम को अमृत योजना से जुड़वाया. इसके तहत अटल पार्क, सीताराम उपाध्याय पार्क चिल्ड्रेन पार्क का निर्माण हो रहा है.
जैनामोड़ से लेकर डुमरी टू लेन सड़क की स्वीकृति दिलायी. गिरिडीह एयरपोर्ट को डेवलप करने का प्रस्ताव दिया है. गिरिडीह में पहला ब्लड बैंक खुलवाया. सबसे बड़ा काम बंद डीसी लाइन को पुन: चालू कराने में अहम भूमिका निभायी.
चालू होने के बाद इस लाइन से रेलवे को अभी तक 18 सौ करोड़ का प्रॉफिट हो चुका है. फुसरो बाजार में विद्युतीकरण का कार्य तथा जैनामोड़ में ग्रिड लाया. हटिया-आनंद विहार, हावड़ा-भोपाल ट्रेनों का ठहराव होने जा रहा है. बेरमो कोलफील्ड में आठ माह से बंद कइ कोलियरियों में लोकल सेल को चालू कराया.
बीसीसीएल के ब्लॉक एक से ब्लॉक छह तक सीएमडी से मिल कर लोकल सेल चालू कराया. सीटीपीएस व बीटीपीएस में नया पावर प्लांट आया. गोमिया स्थित झुमरा पहाड़ पर सोलर लाइट की व्यवस्था की गयी. ठेका मजदूरों का वेज बढाया. पारा शिक्षक, सेविका, सहायिका, जलसहिया व साक्षरताकर्मियों का मामला लोकसभा में उठाता रहा.

सांसद का कोई ऐसा काम नहीं, जो विकास कहलाये : जगरनाथ महतो

बेरमो : पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी मैं संसदीय क्षेत्र के लोगों के बीच सक्रिय रहा. लोगों के सुख-दुख में सदैव खड़ा रहने का काम किया. जिसने भी किसी मामले में मुझे जिस वक्त भी बुलाया, मैंने वहां हर हाल में पहुंचने का काम किया. विधानसभा से लेकर सड़क तक कई ज्वलंत मुद्दों को लेकर संघर्षरत रहा.

चाहे वह पारा शिक्षकों का मामला हो या फिर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका या फिर रसोईया का मामला. स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध किया. विधानसभा के बजट सत्र में मैंने कहा था कि जब तक कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं दिया जाता है, तब तक कृषि का विकास असंभव है.
झारखंड से बाहर के शिक्षकों की बहाली को लेकर मुखर रहा. बिजली बिल में बढ़ोतरी का विरोध किया. पिछले पांच साल में सांसद व सरकार का कोई ऐसा कार्य नजर नहीं आता है, जिसे विकास की श्रेणी में रखा जा सके. बीसीसीएल की दामोदा कोलियरी बंद हो गयी.
वहीं दुगदा वाशरी की स्थिति दयनीय है. डीवीसी के सीटीपीएस की एक नंबर व दो नंबर यूनिट बंद हो गयी. सेल के भंडारीदह रिफैक्ट्रीज संयंत्र में फायर ब्रिक्स का बनना बंद हो गया. सीसीएल के ढ़ोरी एरिया का सीएचपी बंद गया.
इससे डेढ़ सौ मजदूर बेरोजगार हो गये. आज तक डीआरएंडआरडी चालू नहीं हुआ. कथारा एरिया में स्वांग व जारंगडीह यूजी माइंस बंद हो गया. सीसीएल कथारा व स्वांग वाशरी के करीब दो सौ क्लीनिंग मजदूरों को काम से बैठा दिया गया.
कथारा व ढोरी के सैकड़ों प्राइवेट सुरक्षा गार्डों को काम से बैठा दिया गया. सीसीएल व बीसीसीएल के कई कोलियरियों में कोयले की लोकल सेल की स्थिति चरमरायी हुई है. जिससे लोडिंग मजदूरों व ट्रक मालिकों के समक्ष रोजी-रोटी का सवाल खड़ा हो गया है.
कुल मिला कर इन पांच सालों में नये उद्योग धंधे तो नहीं खुले, बल्कि जो चल रहे थे उसे भी केंद्र की मोदी सरकार ने बंद कर दिया. रोजगार सृजन का कोई काम नहीं हुआ. डीसी लाइन को बंद कर पुन: चालू किया गया. सवाल है जब लाइन ठीक नहीं थी तो उस पर अब कैसे ट्रेन चल रही है.
अभी तक इस रूट पर डीसी ट्रेन को चालू नहीं किया गया, जो इस क्षेत्र के लोगों को जीविकोपार्जन के अलावा विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का माध्यम बन सकता है. इसके अलावा इस रूट में 19 ट्रेनें बंद कर दी गयीं. कई जगहों पर रेलवे लाइन पर ओ‍वरब्रिज नहीं बना. गोमो-बरकाकाना रूट में कोई नई ट्रेन नहीं चली.
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