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चास : रोजगार के लिए गये गुरुकुल के 21 विद्यार्थी चेन्नई में फंसे, डीसी से लगायी गुहार
सुनिल महतो/ब्रह्मदेव दुबे चास : बोकारो जिला प्रशासन की देखरेख में कल्याण विभाग की ओर से चास कॉलेज चास परिसर में संचालित कल्याण गुरुकुल में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद रोजगार के लिए चेन्नई गये 21 युवक वहां फंस गये हैं. युवकों ने शीघ्र वापस बुलाने के लिए बोकारो डीसी को पत्राचार किया है. इन […]
सुनिल महतो/ब्रह्मदेव दुबे
चास : बोकारो जिला प्रशासन की देखरेख में कल्याण विभाग की ओर से चास कॉलेज चास परिसर में संचालित कल्याण गुरुकुल में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद रोजगार के लिए चेन्नई गये 21 युवक वहां फंस गये हैं. युवकों ने शीघ्र वापस बुलाने के लिए बोकारो डीसी को पत्राचार किया है. इन युवकों को प्रशिक्षण पूरा होने के बाद जिला प्रशासन ने 16 अप्रैल को रोजगार के लिए चेन्नई रवाना किया था. चेन्नई गये युवकों में शामिल संतोष उरांव, सुरेंद्र कुमार गुप्ता, फैज अंसारी ने फोन पर ‘प्रभात खबर’ को मंगलवार को बताया कि गुरुकुल की ओर से जिस कंपनी में उन्हें रोजगार के लिए भेजा गया था, वहां से उन्हें निकाल दिया गया है.
रात में रुकने के लिए उनके पास जगह भी नहीं है. उन्होंने बोकारो उपायुक्त कार्यालय में भी फैक्स भेजा है. कल्याण गुरुकुल के अधिकारियों को भी सूचना दी है. युवकों ने बताया कि उन सभी को सीएनसी (कम्प्लीट न्यूवायर्ड कंट्रोल) का प्रशिक्षण 15 फरवरी से दिया गया था. 45 दिन के प्रशिक्षण के बाद चेन्नई स्थित टीआइ मेटल फोरमिंग में रोजगार के लिए भेजा गया. 20 अप्रैल को उनलोगों ने कंपनी में ज्वाइन किया. एक दिन काम करने के बाद उन्हें झाड़ू-पोछा करने के लिए कहा गया. सभी युवकों ने मान लिया, लेकिन उन्हें सीएनसी से संबंधित कार्य नहीं करवाये जा रहे थे. इससे युवक आक्रोशित हो गये और झाड़ू-पोछा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद कंपनी ने उनलोगों को 22 अप्रैल को काम से निकाल दिया. इसकी शिकायत युवकों ने इसी दिन बोकारो डीसी को फैक्स के माध्यम से की.
युवकों पर डाल दिया 10 हजार रुपये का ऋण
युवकों ने कहा कि उनसे कल्याण गुरुकुल के फील्ड एजेंट ने संपर्क किया था. नि:शुल्क प्रशिक्षण दिला कर रोजगार मुहैया कराने की बात कही थी. लेकिन, प्रशिक्षण के लिए जब पहुंचे तो उनसे 10 हजार रुपये ऋण के फॉर्म में साइन कराया गया. बताया गया कि प्रशिक्षण, रहने, खाने आदि के लिए उक्त राशि ली जायेगी. रोजगार मिलने के बाद उनके वेतन से बैंक ऋण की वसूली करेगी. युवकों ने कहा कि अब तो रोजगार भी नहीं है और 10 हजार रुपये का ऋण भी चढ़ गया है. अब घर लौटने पर माता-पिता को क्या जवाब देंगे.
युवकों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की गयी है. गुरुकुल के अधिकारी चेन्नई पहुंच कर युवकों से संपर्क करने में जुटे हैं. उन्हें सीएनसी से संबंधित ही कार्य मुहैया कराया जायेगा. युवकों को घबराने की जरूरत नहीं है. रही बात 10 हजार रुपये ऋण की तो नामांकन के समय सभी युवकों को इसकी जानकारी दे दी गयी थी. इसे उन्हें ही भरना होगा.
दिनेश प्रसाद, प्राचार्य
कल्याण गुरुकुल, बोकारो
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