जोखिमों में जीते हैं सीसीएल तुरियो कॉलोनी के कामगार
फुसरो नगर : सीसीएल ढोरी एरिया के एसडीओसीएम परियोजना से सटी सीसीएल की तुरियो कॉलोनी का हाल खस्ता है. इन कॉलोनियों के कोयला मजदूर व उनके परिवार के लोग जोकिमों के साये में जीते हैं.प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे […]
फुसरो नगर : सीसीएल ढोरी एरिया के एसडीओसीएम परियोजना से सटी सीसीएल की तुरियो कॉलोनी का हाल खस्ता है. इन कॉलोनियों के कोयला मजदूर व उनके परिवार के लोग जोकिमों के साये में जीते हैं.
कभी टूटकर सीढ़ियां गिर रही हैं तो कभी छत का प्लास्टर गिर रहा है. इससे कभी भी हादसा हो सकता है. यहां रहनेवाले कोयला कामगार पवन महली, राजेश बाउरी, सुरेश बाउरी, रवि कुमार मुंडा, दुबे तुरी ने बताया कि हाल में ही कायाकल्प योजना के तहत आवासों के मरम्मती के बाद भी मजदूर आवासों का कायापलट नहीं हुआ.
मजदूर रवि मुंडा की मौसी फुलो देवी ने बताया कि आवास व सीढ़ी की स्थिति इतनी जर्जर हो गयी है कि इसमें रहने के बजाय रवि नीचे के खपड़ैल मकान में रहता है. सोमवार को मजदूरों ने झाकोकायू के तारमी शाखा अध्यक्ष बूटल महतो को बुलाकर जर्जर आवासों की स्थिति से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान को ले प्रबंधकीय पहल की बात कही. श्री महतो ने कहा कि आवासों की हालत रहने लायक नहीं है.