नमो नमो दुर्गे सुख करनी नमो नमो अंबे दुख हरनी…

बोकारो : नमो नमो दुर्गे सुख करनी, नमो नमो अंबे दुख हरनी. निराकार है ज्योति तुम्हारी, तिंहू लोक फैली उजियारी… इसी भाव के साथ रविवार को शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई. सार्वजनिक पूजा के अलावा घर-घर में कलश की स्थापना की गयी. प्रथम दिन शैलपुत्री का पूजन हुआ. मंत्रोच्चारण से शहर का माहौल दुर्गा पूजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2019 8:14 AM

बोकारो : नमो नमो दुर्गे सुख करनी, नमो नमो अंबे दुख हरनी. निराकार है ज्योति तुम्हारी, तिंहू लोक फैली उजियारी… इसी भाव के साथ रविवार को शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई. सार्वजनिक पूजा के अलावा घर-घर में कलश की स्थापना की गयी. प्रथम दिन शैलपुत्री का पूजन हुआ. मंत्रोच्चारण से शहर का माहौल दुर्गा पूजा के रंग में घुला दिखा. लोग श्रद्धा से झुके सिर के साथ मां की आरती कार्यक्रम में शामिल हुए.

कलश के चारो ओर बुना गया जौ : नवरात्र में पवित्रता का महत्व होता है. इसका खास ध्यान रखा गया. तमाम पूजा समिति की ओर से इसके लिए खास तैयारी की गयी थी. लगातार बारिश के बाद भी स्थल की स्वच्छता बनाये रखा गया. परंपरा निर्वहण के लिए मिट्टी की वेदी बना कर कलश के चारों ओर जौ की बुनाई की गयी. सार्वजनिक पूजा स्थल में मिट्टी के कलश तो निजी स्तर पर लोगों ने पीतल, तांबा का कलश स्थापित किया.

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