सुनील तिवारी, बोकारो
नयी दिल्ली में स्टील ऑथरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) की बैठक 16 अक्तूबर को होने वाली है. सेल-सेफी की बैठक की ओर बीएसएल के 2028 सहित सेल के 11977 अफसर टकटकी लगाये बैठे हैं. बैठक में पे-रिविजन, पेंशन, पीआरपी सहित अधिकारियों के लंबित डिमांड को लेकर सेफी के अधिकारी सेल प्रबंधन के साथ मंथन करेंगे. बैठक में शामिल होने के लिए सेल की विभिन्न इकाई के अधिकारी दिल्ली पहुंच चुके हैं.
बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (बोसा) के अध्यक्ष एके सिंह व महासचिव मनोज कुमार बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गये हैं. मंगलवार को श्री सिंह ने ‘प्रभात खबर’ को फोन पर बताया : बैठक बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए अधिकारी बैठक की ओर नजर गड़ाये हुए हैं. अधिकारियों के लंबित डिमांड पर सेल प्रबंधन के साथ विस्तार से चर्चा होगी. अधिकारियों की मांग को प्रबंधन के समक्ष जोरदार ढंग से रखा जायेगा. इसकी तैयारी बोसा सहित सेफी ने पूरी कर ली है.
बैठक में इन विषयों पर होगी विशेष चर्चा
सेल-सेफी की बैठक में सेल चेयरमैन के साथ-साथ सेल के निदेशक मंडल के सदस्य भी शामिल होंगे. श्री सिंह ने बताया : बैठक में पे-रिविजन, पेंशन, पीआरपी, 2008, 2010 व 2018 बैच के जूनियर ऑफिसर के मामले पर विशेष रूप से चर्चा होगी. पे-रिवजन नहीं होने से अधिकारियों को हर माह घाटा हो रहा है. पेंशन स्कीम लागू हो गया, लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो पाया है. परफॉर्मेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) के भुगतान में विलंब हो रहा है. अधिकारियों में आक्रोश व्याप्त है.
एक जनवरी 2017 से लंबित है पे-रिविजन मामला
बीएसएल सहित सेल अधिकारियों का पे-रिविजन एक जनवरी 2017 से लंबित है. इसके लिए बोसा व सेफी लंबे समय से आंदोलनरत है. इस्पात मंत्री से लेकर संसद तक पे-रिविजन का मामला पहुंचा. लेकिन, अभी तक इसका समाधान नहीं हो पाया है. इससे अधिकारियों में असंतोष व्याप्त हैं. पे-रिवीजन नहीं होने से बीएसएल के अधिकारियों को 25 से 70 हजार तक प्रतिमाह घाटा हो रहा है.
इसको लेकर अब तक प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक प्रयास नहीं किया गया है. केंद्र सरकार की ओर से गठित पूर्व जस्टिस सतीश चंद्रा कमेटी ने वैसे पीएसयू जो तीन साल तक घाटे में चल रहे हो, उन पीएसयू में अफोर्डेब्लिटी क्लाउज लगाया है. इसके तहत अधिकारियों के लिए पे-रिवीजन में सरकार ने किसी प्रकार की मदद नहीं की बात कही. इससे पे-रिविजन का मामला लटका हुआ है.
स्कीम लागू होने के बाद भी शुरू नहीं हुई पेंशन
सेल में पेंशन योजना लागू कर दी गयी है. जनवरी 2007 में रिटायर हो चुके अधिकारियों और एक जनवरी 2012 के बाद रिटायर कर्मचारियों से लेकर अब तक कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. 2007 में बीएसएल में तीन हजार अधिकारी व वर्ष 2012 में करीब 16 हजार कर्मचारी थे. इस्पात मंत्रालय के निर्देशानुसार, सेल के लाभ-हानि के हिसाब से हर साल कार्मिकों की पेंशन तय होगी. मतलब, जिस साल सेल लाभ में होगा, उस साल अधिकारियों को बेसिक और डीए की 9 प्रतिशत राशि पेंशन दी जायेगी. वहीं, कर्मचारियों को बेसिक व डीए की 6 प्रतिशत राशि पेंशन दी जायेगी. लेकिन, जिस साल कंपनी घाटे में रहेगी, उस साल अधिकारियों को बेसिक व डीए का 3 प्रतिशत व कर्मचारियों को बेसिक व डीए की 2 प्रतिशत राशि पेंशन मिलेगी. लेकिन, अभी यह शुरू नहीं हो पाया है.
पीआरपी की राशि का बेसब्री से हो रहा इंतजार
बीएसएल सहित सेल अधिकारी पीआरपी राशि का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं. संभावना जतायी जा रही है कि दीपावली तक पीआरपी की राशि अधिकारियों को मिल जायेगी. सेल वित्तीय वर्ष 2018-19 में मुनाफा में रहा है. पीआरपी के लिए जो फार्मूला पहले से तय है, उसके मुताबिक प्रॉफिट का पांच फीसदी हिस्सा दिया जाता है. इसको देखते हुए अधिकारियों को पीआरपी (परफॉर्मेंस रिलेटेड पे) मिलना तय है.
अफसरों के पीआरपी की गणना को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इंसेंटिव राशि की कटौती के कारण जिन अधिकारियों को पिछले कुछ सालों से पीआरपी की राशि नहीं मिल रही थी. इस बार उनको भी उम्मीद है कि पीआरपी उनके हिस्से में आयेगी. सेल के 11977 अधिकारियों में लगभग 166. 9 करोड़ रुपये बांटे जायेंगे. इनमें बीएसएल के 2028 अफसरों में 29 करोड़ 39 लाख रुपये बांटे जाने हैं.