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बीएसएल : 1500 डिप्लोमा इंजीनियर ने किया भूख-हड़ताल

– जूनियर इंजीनियर पदनाम की मांग को लेकर आंदोलन का पहला चरण सुनील तिवारी, बोकारो जूनियर इंजीनियर (जेई) पदनाम की डिमांड को लेकर बोकारो स्टील प्लांट के 1500 डिप्लोमा इंजीनियर (डीई) ने आंदोलन के पहले चरण में गुरुवार को बोकारो इस्पात डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के बैनर तले ‘सामूहिक भूख-हड़ताल’ किया. बीएसएल के डीई गांधी चौक […]

– जूनियर इंजीनियर पदनाम की मांग को लेकर आंदोलन का पहला चरण

सुनील तिवारी, बोकारो

जूनियर इंजीनियर (जेई) पदनाम की डिमांड को लेकर बोकारो स्टील प्लांट के 1500 डिप्लोमा इंजीनियर (डीई) ने आंदोलन के पहले चरण में गुरुवार को बोकारो इस्पात डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के बैनर तले ‘सामूहिक भूख-हड़ताल’ किया. बीएसएल के डीई गांधी चौक सेक्टर-04 पर सुबह 8 बजे लेकर शाम 6 बजे तक भूख-हड़ताल पर रहे. चारो शिफ्ट ए, बी, सी व जेनरल के डीई प्लांट के छुट्टी लेकर भूख हड़ताल में शामिल हुए. गांधी चौक पर दिनभर डीई का जमावड़ा रहा.

10 दिनों के भीतर डिमांड पूरी नहीं होने पर आंदोलन के दूसरे चरण में डीई ने तीन दिन की ‘सामूहिक छुट्टी’ की घोषणा की. इसकी तिथि की घोषणा नहीं की गयी. संघ का कहना था कि ‘सामूहिक भूख-हड़ताल’ के कारण डीई के छुट्टी लेने से प्लांट की सीआरएम-03, ब्लास्ट फर्नेस, को-ओवन सहित विभिन्न विभागों के काम-काज व उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा. उधर, बोकारो स्टील प्रबंधन के अनुसार, डीई हड़ताल से प्लांट के प्रोडक्शन पर कोई असर नहीं पड़ा.

पहले चरण में तीन यूनिट में भूख-हड़ताल

गुरुवार को सेल की तीन यूनिट में भूख-हड़ताल किया गया. इसमें बोकारो स्टील प्लांट के साथ-साथ भिलाई स्टील प्लांट व राउरकेला स्टील प्लांट शामिल हैं. इसके तीन दिन बाद बर्नपुर, सेलम जैसे प्लांट्स में डिप्लोमाधारी भूख हड़ताल करेंगे. इस दौरान प्रबंधन ने उनकी मांग को लेकर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया तो 10 दिनों बाद डिप्लोमाधारी तीन दिवसीय सामूहिक छुट्टी लेंगे. उसके बाद भी बात नहीं बनी तो आमसभा कर आगे की रणनीति तय करेंगे.

बीएसएल सहित सेल के 8 हजार डीई हैं आंदोलरत

अफसरों के बाद बीएसएल सहित सेल में काम कर रहे लगभग 8 हजार डिप्लोमा इंजीनियर्स को नया पदनाम देने की लंबे समय से उठ रही मांग का आंदोलन तेज हो गया है. डिप्लोमाधारी एस-3 से एस-5 तक जूनियर इंजीनियर पदनाम दिये जाने की मांग कर रहे हैं, जबकि सेल प्रबंधन ने एस-9 ग्रेड से जूनियर इंजीनियर पदनाम दिये जाने का प्रस्ताव रखा है. इसका डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन (डीईए) ने विरोध किया. पदनाम का समाधान नहीं करने से डिप्लोमाधारी नाराज चल रहे हैं.

एनेजेसीएस की बैठक में चर्चा नहीं होने से डीई नाराज

डीई से जेई पदनाम मामले का निराकरण करने के लिए इस्पात मंत्रालय सहमत हो गया है. लेकिन, सेल प्रबंधन की ओर से बीते डेढ़ साल से इस दिशा में कार्रवाई नहीं की गयी, जो प्रस्ताव दिया भी गया वह अन्य सार्वजनिक कंपनियों से बिल्कुल भिन्न है. इस वजह से डिप्लोमाधारी उसे स्वीकार करने के तैयार नहीं है. पिछली एनजेसीएस बैठक में केंद्रीय यूनियनों के प्रस्ताव पर भी सेल प्रबंधन चर्चा करने को तैयार नहीं हुआ. इससे डिप्लोमाधारियों में गुस्सा है. अब चरणबद्ध आंदोलन पूरे सेल में हो रहा है.

सेल प्रबंधन का एस-09 ग्रेड से जेइ पदनाम का प्रस्ताव

डिप्लोमाधारी एस-3 से एस-5 ग्रेड के कर्मियों को जूनियर इंजीनियर, एस-6 से एस-8 ग्रेड के कर्मियों को असिस्टेंट इंजीनियर या सेक्शन इंजीनियर व एस-9 से एस-11 ग्रेड के कर्मियों को सीनियर सेक्शन इंजीनियर पदनाम दिये जाने की मांग कर रहे हैं. सेल के प्रस्ताव के मुताबिक एस-9 ग्रेड से जूनियर इंजीनियर पदनाम दिया जायेगा. इस प्रस्ताव का डिप्लोमाधारी विरोध कर रहे हैं. डिप्लोमाधारी का कहना है कि ‘पैसा नहीं सम्मान चाहिए-जूनियर इंजीनियर पदनाम चाहिए’ की लड़ाई लड़ रहे हैं.

आठ नवंबर को सेल बोर्ड की बैठक में लग सकती है मुहर

सेल निदेशक बोर्ड की बैठक आठ नवंबर 2019 को होनी है. संभावना जतायी जा रही है कि इसमें डिप्लोमा इंजीनियर्स के पदनाम के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. कारण, प्रबंधन को पदनाम को अपग्रेड करना है, जैसा कि कुछ दिनों पहले सेल के अफसरों का हुआ है. यहां भी डीई को जेई पदनाम देना है. इससे सेल पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ने वाला है. अफसरों की तरह डीई सिर्फ पदनाम की डिमांड कर रहे हैं, पद के अनुसार पैसा की नहीं. इसलिए संभावना है कि बोर्ड बैठक में इसपर मुहर लगे.

एनजेसीएस में पदनाम के प्रस्ताव को पारित कराना होगा

सेल बोर्ड की बैठक के पहले एनजेसीएस की बैठक में डीई के पदनाम जेई के प्रस्ताव को पारित कराना होगा. तभी सेल बोर्ड उसे मंजूरी दे सकता है. इसके कारण चर्चा है कि दीपावली के पहले या उसके बाद एनजेसीएस की बैठक बुलायी जायेगी. बैठक में सेल प्रबंधन व एनजेसीएस दोनों पक्ष पदनाम के मुद्दे पर सहमति बनायेंगे. उसके बाद सेल बोर्ड की बैठक में पदनाम पर मुहर लगेगी. बोकारो दौरा के क्रम में इस्पात मंत्री व इस्पात राज्य मंत्री ने पदनाम के मामले पर सकारात्मक पहल की बात कही थी.

भूख-हड़ताल में शामिल बीएसएल के डिप्लोमा इंजीनियर

संदीप कुमार (अध्यक्ष), एम तिवारी (महामंत्री), रवि शंकर (उपाध्याध), सोनू साह (कोषाध्यक्ष), ज्योतिष कुमार (कोषाध्यक्ष), दीपक शुक्ला (संयुक्त महामंत्री), रत्नेश मिश्र (संयुक्त महामंत्री), आनंद रजक, पप्पू यादव (संगठन मंत्री), अविनाश चंद्र द्विवेदी (संगठन मंत्री), शिद्धार्थ सेन(संगठन मंत्री), सूरज कंसारी (सोशल मीडिया प्रभारी), शिव कुमार पंडित (सोशल मीडिया प्रभारी), पवन कुमार गुप्ता, रितेश कुमार, नेहा कुमारी, फूल चंद बास्की, दीपक महतो, भावेश चंद्र सिंह, लक्ष्मण कुमार, संजीव कुमार, राहुल कुमार, हरिओम कुमार आदि मौजूद थे.

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