मामला को-ऑपरेटिव कॉलोनी की प्लॉट संख्या 229 का
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आवास कब्जा मामले में डाॅ डीके गुप्ता को कोर्ट ने नहीं दी जमानत
मामला को-ऑपरेटिव कॉलोनी की प्लॉट संख्या 229 का बोकारो : को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 229 निवासी भाई-बहन मंजूश्री घोष (56 वर्ष) व दीपक घोष (50 वर्ष) को बंधक बनाकर उनका मकान कब्जा करने के मामले में शहर के जाने-माने नेत्र चिकित्सक डीके गुप्ता की जमानत अर्जी शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय […]
बोकारो : को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 229 निवासी भाई-बहन मंजूश्री घोष (56 वर्ष) व दीपक घोष (50 वर्ष) को बंधक बनाकर उनका मकान कब्जा करने के मामले में शहर के जाने-माने नेत्र चिकित्सक डीके गुप्ता की जमानत अर्जी शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय जनार्दन सिंह ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी. डाॅ गुप्ता ने गत सात नवंबर को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसर्मपण किया था. उसी समय से वह न्यायिक हिरासत में चास जेल में बंद है.
डाॅ गुप्ता को चास जेल के हॉस्पिटल वार्ड में रखा गया है. इससे पूर्व डाॅ गुप्ता इस मामले में अग्रिम जमानत के लिये स्थानीय न्यायालय, हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने डाॅ गुप्ता को स्थानीय निचली अदालत में आत्मसर्मपण करने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश बाद डाॅ गुप्ता ने स्थानीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसर्मपण किया था.
क्या है मामला : यह मामला बीएस सिटी थाना कांड संख्या 207/18 के तहत दर्ज है. घटना की प्राथमिकी कॉपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 403 निवासी पूर्णेन्दु कुमार सिंह के आवेदन पर दर्ज की गई है. मामले में को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 229 में पूर्व में संचालित नव ज्योति आई क्लीनिक के संचालक स्वर्गीय मंतोष गुप्ता की पत्नी, पुत्र व मंतोष के रिश्तेदार चर्चित नेत्र चिकित्सक डीके गुप्ता को अभियुक्त बनाया गया है. स्थानीय न्यायालय ने इस मामले मे मंतोष की पत्नी व पुत्र को साक्ष्य के अभाव में केस से बरी कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि यह मामला गत 18 अगस्त 2018 को प्रकाश में आया था. स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने छापामारी कर उक्त मकान के मालिक बोकारो इस्पात संयंत्र के सेवानिवृत्त पदाधिकारी स्वर्गीय एसके घोष की पुत्री मंजूश्री घोष और मंजू के भाई दीपक घोष को मरणासन्न स्थिति में बरामद किया था. पुलिस ने दोनों भाई-बहन को इलाज के लिए बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया था. बेहतर इलाज के लिए दोनों को रांची स्थित वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के दौरान कुछ ही दिनों में दीपक घोष की मौत हो गयी थी. डॉ डीके गुप्ता व अन्य की प्रताड़ना के कारण मंजूश्री घोष की मानसिक स्थिति अभी तक ठीक नहीं हो पायी है.
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