जन्म-मरण के चक्र से सिर्फ गुरु ही कर सकता है मुक्त : गुरुदेव अरविंद श्रीमाली

फुसरो : फुसरो के अवध विवाह मंडप में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से महालक्ष्मी सायुज्य गणपति साधना शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में राजस्थान के जोधपुर से आये गुरुदेव अरविंद श्रीमाली ने कहा कि गुरु देह नहीं बल्कि ज्ञान है. गु का अर्थ अंधकार और रु का अर्थ प्रकाश होता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2019 9:16 AM

फुसरो : फुसरो के अवध विवाह मंडप में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से महालक्ष्मी सायुज्य गणपति साधना शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में राजस्थान के जोधपुर से आये गुरुदेव अरविंद श्रीमाली ने कहा कि गुरु देह नहीं बल्कि ज्ञान है. गु का अर्थ अंधकार और रु का अर्थ प्रकाश होता है. परमतत्व प्राप्त करने के लिए गुरु की कृपा जरूरी है.

उन्होंने कहा कि 33 करोड़ देवी-देवता हमें सब कुछ दे सकते हैं लेकिन जन्म-मरण के चक्र से सिर्फ गुरु ही मुक्त कर सकता है. उन्होंने कहा कि श्रद्धा, सेवा और समर्पण से साधक अपना जीवन पूर्णत: की ओर अग्रसर कर सकता है. कहा : मनुष्य का व्यक्तित्व वृहद (विशाल) है. प्रत्येक मनुष्य अपने आप से अपरिचित है.
उन्होंने कहा कि गुरु मंत्र में विशेष बात यह है कि इसका जाप चलते-फिरते, उठते-बैठते किया जा सकता है, इसलिए अधिक से अधिक गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए. जितना ज्यादा आप गुरु मंत्र का जाप करते हैं, उतना भविष्य का आधार बनता है. जीवन दर्शन पर चर्चा करते हुए गुरुदेव श्रीमाली ने कहा कि संन्यास का आशय गृहस्थ जीवन को छोड़ना नहीं है.
551 श्रद्धालुओं ने ली दीक्षा : शिविर में 551 गुरु भाई-बहनों ने गुरु दीक्षा ली. प्रवचन, साधना, गुरु आरती के बाद महाप्रसाद का वितरण किया गया. यहां आये हुए गुरू भाई व बहनों ने गुरूदेव के किताबों, तस्बीरों व अन्य सामानों के लगे स्टॉल में खरीदारी किया. शिविर में झारखंड के विभिन्न जगहों के अलावे ओडिशा, बिहार, बंगाल आदि जगहों से सैकडों गुरूभाई व बहन शामिल हुए.
आयोजन को सफल बनाने में अंतराष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार फुसरो के मनोज स्वासी, दिनेश नायडू, अरुण मुंडा, बिनोद बाउरी, धनेश्वर सिंह, राधेश्याम दिगार, अजय रवानी, प्रहलाद राम, अनिल दुबे, जयप्रकाश नोनिया, कोलेश्वर ठाकुर, राजेश ठाकुर आदि गुरुभाई का योगदान रहा.

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