बारिश से चौपट हुई फसलें, किसान चिंतित
कसमार : गुरुवार को हुई बारिश से कसमार प्रखंड में धान, आलू समेत अन्य सब्जी की खेती पर बुरा असर पड़ा है. इससे किसान चिंतित हैं. कृषकों का मानना है कि इस समय बारिश खेती-किसानी के हित में नहीं है. इससे धान की खेती को नुकसान हुआ है. खलिहानों में काटकर रखा गया धान 50 […]
कसमार : गुरुवार को हुई बारिश से कसमार प्रखंड में धान, आलू समेत अन्य सब्जी की खेती पर बुरा असर पड़ा है. इससे किसान चिंतित हैं. कृषकों का मानना है कि इस समय बारिश खेती-किसानी के हित में नहीं है. इससे धान की खेती को नुकसान हुआ है. खलिहानों में काटकर रखा गया धान 50 फीसदी से ज्यादा नुकसान हो जायेगा, जबकि खेतों में लगे धान की फसलें भी पांच फीसदी प्रभावित होंगी.
उसी प्रकार आलू की खेती पर भी काफी बुरा असर पड़ेगा. गोभी, टमाटर, बैगन समेत अन्य सब्जी की खेती को भी इस बारिश से नुकसान ही हुआ है. बगदा के कृषक सुखदेव राम ने बताया कि उनकी आलू, गोभी, बैगन आदि की फसलें इस बारिश से चौपट हुई है. इससे वे चिंतित है. कहा उनके जैसे सैकड़ों किसानों की फसलें प्रभावित हुई है. दांतू के कृषक विवेकानंद नायक ने कहा कि इस बारिश ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. कई तरह की फसलें प्रभावित हुई है.
फुसरो नगर. बुधवार की देर रात से रुक-रुक कर हुई बारिश से किसान चिंतित हैं. गुरुवार सुबह भी दिन भर बादल छाये रहे. कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हुई. क्षेत्र के किसान इस मौसम में धान व आलू की खेती प्रमुखता से करते हैं. लेकिन मौसम में बदलाव के कारण इन दोनों फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. खेतों में लगी कई फसलों को भारी क्षति हुई है. खलिहान में रखे धान भी भीग गये. बारिश व ठंड बढ़ने से आलू की फसल भी खराब हो रही है. आलू के पत्ते गल रहे हैं. आलू को पाला मारने का डर भी है.
गांधीनगर/फुसरो. बुधवार रात में जगह-जगह हुई तेज बारिश के कारण बेरमो अनुमंडल क्षेत्र में भी ठंड काफी बढ़ गयी है. गुरुवार की सुबह भी बूंदा-बांदी हुई और सूरज बादलों में ढंका रहा. बादलों के कारण लोग सुबह में सूर्य ग्रहण नहीं देख सके. दिन लगभग 10 बजे मौसम थोड़ा साफ हुआ तो कई जगह सूर्य ग्रहण दिखा. इधर, ठंड के कारण चौक-चौराहों, गली-मुहल्लों में लोग आग तापते दिखे. कोयलांचल के प्रमुख बाजारों से चहल-पहल कम रही. कुहासा के कारण लोगों को दिन में भी वाहनों की लाइट जला कर चलना पड़ा.