विवाहिता ने लगायी फांसी, पिता ने लगाया दहेज हत्या का आरोप

चास : फल मंडी चास निवासी पंकज बंसल की पत्नी 28 वर्षीय पायल कुमारी ने शनिवार की देर शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. धनबाद के बाघमारा निवासी शंकर लाल सर्राफ ने शनिवार की देर रात चास थाना पहुंचकर अपनी पुत्री पायल कुमारी (28) के ससुराल वालों पर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2019 9:18 AM

चास : फल मंडी चास निवासी पंकज बंसल की पत्नी 28 वर्षीय पायल कुमारी ने शनिवार की देर शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. धनबाद के बाघमारा निवासी शंकर लाल सर्राफ ने शनिवार की देर रात चास थाना पहुंचकर अपनी पुत्री पायल कुमारी (28) के ससुराल वालों पर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने पति पंकज बंसल, ससुर सत्य नारायण बंसल सहित सास व दो अन्य को आरोपी बनाया है. पुलिस को बताया कि ससुराल वाले अक्सर दहेज की मांग को लेकर उसकी पुत्री को प्रताड़ित करते थे. 29 दिसंबर को वह पुत्री को लेने के लिये आने वाले थे, लेकिन देर शाम फोन कर पुत्री के अस्पताल में भर्ती होने का सूचना दी गयी. चास पहुंचने पर पुत्री का शव पाया, जो कि चास के एक निजी अस्पताल के मर्चरी में रखा हुआ पाया.
शिकायत के आधार पर चास पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है. इससे पूर्व चास पुलिस अस्पताल में पहुंचकर शव का मुआयना किया तथा मृतका के पति पक्ष की उपस्थिति में शव को पोस्टमार्टम कराया और उन्हें सौंप दिया.इधर पंकज बंसल के परिजनों के अनुसार शनिवार की देर शाम पायल अपने कमरे में बंद हो गयी.
परिजन दरवाजा किसी तरह खोलकर अंदर पहुंचे तो उसे फांसी पर लटके पाया. उसे चास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसे डाॅक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद मृतका के मायके वालों को फोन कर सूचना दी गयी. वहीं चास पुलिस को भी अस्पताल से ही सूचना दी गयी थी.
11 महीने पहले हुई थी शादी
मृतका के पिता श्री सर्राफ ने बताया कि उनकी पुत्री की शादी पंकज के साथ इसी वर्ष 28 जनवरी को हुई थी. दोनों का एक महीने का पुत्र भी है. लेकिन बार-बार दहेज की मांग करने की वजह से वह अक्सर मानसिक रूप से परेशान रहती थी. वह फोन कर मायके वालों को सूचना भी देती थी. कहा कि दो दिन पूर्व ससुराल वालों ने उसके साथ पुन: मारपीट की. मायके वालों ने इसे पारिवारिक झगड़ा सोचकर मामले को तूल नहीं दिया. साथ ही उसे 29 दिसंबर को बाघमारा ले जाने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन हर दिन की प्रताड़ना से तंग आकर उसने मौत को गले लगा लिया.

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