ओवरलोड रैक भेजने से परेशान है रेलवे

बेरमो : बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के कथारा, ढोरी व बीएंडके एरिया की विभिन्न रेलवे साइडिंग से रैक में ओवरलोड कोयला भेजे जाने का मामला प्रकाश में आया है. इससे रेलवे खासा परेशान है. हालांकि ओवरलोड कोयला के एवज में कोयला ले जाने वाली बिजली कंपनियों से रेलवे तीन से पांच गुणा तक डैमरेज चार्ज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2020 8:39 AM

बेरमो : बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के कथारा, ढोरी व बीएंडके एरिया की विभिन्न रेलवे साइडिंग से रैक में ओवरलोड कोयला भेजे जाने का मामला प्रकाश में आया है. इससे रेलवे खासा परेशान है. हालांकि ओवरलोड कोयला के एवज में कोयला ले जाने वाली बिजली कंपनियों से रेलवे तीन से पांच गुणा तक डैमरेज चार्ज करता है.

फलत: पटरी सहित रेल यातायात में बाधा होने से रेलवे परेशान है. दूसरी ओर बिजली कंपनी से डैमरेज भरने के कारण कोयला की दर बढ़ जाती है. इससे बिजली उत्पादन की लागत भी बढ़ जाती है. इसका अतिरिक्त भार अंतत: बिजली उपभोक्ता पर ही पड़ता है.
ओवरलोड से पटरी के क्रैक होने की आशंका : रेलवे सूत्रों के अनुसार ओवरलोड रैक के कारण रैक की रफ्तार धीमी हो जाती है. उक्त रैक को 100 किमी से लेकर 500-700 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती है. ऐसे में उक्त रेल मार्ग में चलने वाली सवारी व एक्सप्रेस ट्रेन का समय भी बर्बाद होता है और ट्रेन लेट हो जाती है. पटरी पर क्षमता से ज्यादा भार पड़ने के कारण ठंड के मौसम में पटरी क्रैक करने की आशंका बनी रहती है.

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