आत्मदाह करने पहुंचे विस्थापितों को प्रशासन ने समझा-बुझाकर हटाया

बोकारो : बोकारो रैयत संघ के सदस्य पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बुधवार को बोकारो डीपीएलआर कार्यालय के समक्ष सामूहिक आत्मदाह करने पहुंचे, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था के कारण वे सामूहिक आत्मदाह नहीं कर सके. प्रशासन ने उन्हें समझा बुझाकर रोक दिया. सामूहिक आत्मदाह की जानकारी के बाद डीपीएलआर ऑफिस छावनी में तब्दील हो गया था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2020 12:58 AM

बोकारो : बोकारो रैयत संघ के सदस्य पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बुधवार को बोकारो डीपीएलआर कार्यालय के समक्ष सामूहिक आत्मदाह करने पहुंचे, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था के कारण वे सामूहिक आत्मदाह नहीं कर सके. प्रशासन ने उन्हें समझा बुझाकर रोक दिया. सामूहिक आत्मदाह की जानकारी के बाद डीपीएलआर ऑफिस छावनी में तब्दील हो गया था.

काफी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था. किसी अनहोनी से निबटने के लिए एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के साथ-साथ मेडिकल टीम भी बुला ली गयी थी. विशेष भू-अर्जन कार्यालय कैंप टू के समक्ष बोकारो विस्थापित रैयत संघ ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इसके पूर्व विस्थापित डीपीएलआर कार्यालय जुलूस की शक्ल में पहुंचे.
संघ के वक्ताओं ने डीपीएलआर का र्यालय के समक्ष आमसभा में कहा : हाइ कोर्ट के आदेश के बाद भी कनारी मौजा के रैयतों को मुआवजा का भुगतान नहीं किया जा रहा है. वहीं नियोजन भी नहीं दिया जा रहा है. प्रबंधन हमारी जमीन वापस कर दें. विस्थापित नेता फूलचंद महतो ने कहा : विस्थापितों को नौकरी एवं मुआवजा दो दो या फिर हमारी जमीन लौटा दो. प्रशासन ने शीघ्र ही मामले को निष्पादित करने का भरोसा दिलाया.
मौके पर संघ के अध्यक्ष छोटू सिंह, फूलचंद महतो, मदन सिंह, जग नारायण, चंद्रदेव सिंह, कौशल्या देवी , श्रीकांत मांझी, सरयू महतो, फौदार सिंह, अर्जुन राम महतो आदि सैकड़ों विस्थापित शामिल थे.

Next Article

Exit mobile version