.. ताकि जानवरों को न हो बीमारी
बोकारो: गरमी से राहत के लिए एक ओर जहां लोग मॉनसून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जैविक उद्यान प्रबंधन बारिश से निबटने की तैयारी में जुटा हुआ है. उद्यान की साफ -सफाई से लेकर सभी उपाय किये जा रहे हैं, जिससे बारिश के मौसम में पशु-पक्षियों को किसी तरह की […]
बोकारो: गरमी से राहत के लिए एक ओर जहां लोग मॉनसून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जैविक उद्यान प्रबंधन बारिश से निबटने की तैयारी में जुटा हुआ है. उद्यान की साफ -सफाई से लेकर सभी उपाय किये जा रहे हैं, जिससे बारिश के मौसम में पशु-पक्षियों को किसी तरह की परेशानी न हो. ड्रेन के साथ-साथ उद्यान की साफ -सफाई जोर-शोर से की जा रही है. पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है.
हिरण-टाइगर अधिक प्रभावित
बारिश के पानी का सबसे प्रतिकूल असर हिरण व टाइगर पर पड़ता है. मतलब, अगर बारिश में ये दोनों एक बार भींग गये तो शरद-गरम के शिकार हो जाते हैं. इसलिए उद्यान प्रबंधन इन दोनों जानवरों पर विशेष नजर रख रहा है. इसके अलावा उद्यान के अन्य पशु-पक्षिओं का भी ख्याल रहा जा रहा है.
स्वास्थ्य पर रहेगी पैनी नजर
बारिश के मौसम में तरह-तरह की बीमारी फैलती है. आदमी की तरह जानवरों को के बीच भी वायरस फैलता है. इससे बचने के लिए उद्यान प्रबंधन ने कई तरह की तैयारी की जा रही है. पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखी जा रही है. उद्यान प्रबंधन जानवरों के स्वास्थ्य की नियमित जांच कर रहा है.