कोयला खान राष्ट्रीयकरण विधेयक में संशोधन का होगा विरोध : लखनलाल

बेरमो. यूसीडब्ल्यूयू के महामंत्री व जेबीसीसीआइ सदस्य लखनलाल महतो ने कहा कि केंद्र की सरकार ने कोयला खान राष्ट्रीयकरण विधेयक में संशोधन करने का फैसला किया है. इसके जरिये कोयला खदान में निजी मालिकों के लिये दरवाजा खोल दिया गया है. कोयला उद्योग को पुन: पूंजीपतियों के हाथों सौंपने का यह प्रयास है. इससे कोयला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2014 11:03 PM

बेरमो. यूसीडब्ल्यूयू के महामंत्री व जेबीसीसीआइ सदस्य लखनलाल महतो ने कहा कि केंद्र की सरकार ने कोयला खान राष्ट्रीयकरण विधेयक में संशोधन करने का फैसला किया है. इसके जरिये कोयला खदान में निजी मालिकों के लिये दरवाजा खोल दिया गया है. कोयला उद्योग को पुन: पूंजीपतियों के हाथों सौंपने का यह प्रयास है. इससे कोयला उद्योग बरबाद के रास्ते पर जायेगा. झरिया व रानीगंज कोयला क्षेत्र आज भी आग से जल रहा है. कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण 40 वर्ष पूर्व मजदूरों के अथक संघर्ष के कारण हुआ था. लेकिन पुन: इसे पूंजीपतियों के हाथों में देकर मोदी सरकार ने दीपावली का तोहफा दिया है. एटक इस फैसले का निंदा करते हुए सड़कों पर उतकर विरोध करेगी. एक नवंबर को कोल इंडिया के स्थापना दिवस पर यूनियन विरोध दर्ज करेगी.

Next Article

Exit mobile version