वादे हैं..वादों का क्या!

पोषाक व बैग मिलने का इंतजार कर बच्चे16 बोक 43 – गोमिया के आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे पोषाक व बैग के साथसंवाददाता, गोमियागोमिया प्रखंड में बाल विकास परियोजना के तहत लगभग तीन सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों के नसीब में पोषाक व बैग तक नहीं है. बच्चों की परेशानी को देखते हुए लगभग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2014 7:02 PM

पोषाक व बैग मिलने का इंतजार कर बच्चे16 बोक 43 – गोमिया के आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे पोषाक व बैग के साथसंवाददाता, गोमियागोमिया प्रखंड में बाल विकास परियोजना के तहत लगभग तीन सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों के नसीब में पोषाक व बैग तक नहीं है. बच्चों की परेशानी को देखते हुए लगभग छह महीने पहले बोकारो के उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने क्षेत्र में कार्यरत तमाम औद्योगिक प्रतिष्ठानों के जीएम के साथ बैठक कर इन बच्चों को पोषाक व बैग उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा था. सीसीएल कथारा, आइइएल गोमिया, सिंचाई विभाग तेनुघाट के अलावा टीटीपीएस ने इस पर सहमति जतायी थी. लेकिन, सिर्फ टीटीपीएस के जीएम ने ललपनिया क्षेत्र के 160 बच्चों को बीते माह बैग व ड्रेस उपलब्ध कराया. इस बैठक के छह महीने गुजर जाने के बाद अब भी शेष बच्चे बैग और ड्रेस मिलने का इंतजार कर रहे हैं. अभिभावकों को भी उम्मीद है कि जिस तरह ललपनिया में बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी, उसी तरह देर-सवेर उनके बच्चे के पास भी नया यूनिफॉर्म और बैग होगा, लेकिन फिलहाल जो रवैया तमाम प्रबंधन ने अख्तियार कर रखा है, उससे तो यही लग रहा है कि वादे हैं…वादों को क्या!

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