1932 का खतियान होगा स्थानीय नीति का आधार, झारखंड के लोग ही बनेंगे राज्य में टीचर, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का बड़ा बयान

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने गुरुवार को एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि झारखंड की स्थानीय नीति का आधार 1932 का खतियान होगा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रघुवर दास की सरकार के 1985 के स्थानीय नीति का कोई आधार नहीं है. साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड में इसी राज्य के लोग शिक्षक बनेंगे. दूसरे राज्य के लोग अब झारखंड में शिक्षक नहीं बन पायेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2020 8:34 PM

बोकारो : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने गुरुवार को एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि झारखंड की स्थानीय नीति का आधार 1932 का खतियान होगा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रघुवर दास की सरकार के 1985 के स्थानीय नीति का कोई आधार नहीं है. साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड में इसी राज्य के लोग शिक्षक बनेंगे. दूसरे राज्य के लोग अब झारखंड में शिक्षक नहीं बन पायेंगे.

झारखंड के मानव संसाधन विकास एवं मद्य निषेध मंत्री श्री महतो ने कहा है कि स्थानीय नीति का जो आधार है, उसी को तय मानकर आगे के लिए स्थानीय नीति बनेगी. झारखंड में झारखंडियों को शिक्षक बनने का मौका दिया जायेगा. श्री महतो ने इसके पहले भी एक बार कहा था कि झारखंड में सिर्फ झारखंड के स्थानीय लोगों को ही सरकारी नौकरी मिलेगी. अब उन्होंने एक बार फिर स्थानीय नीति और शिक्षक भर्ती पर बयान देकर राजनीति गरम कर दी है.

जगरनाथ महतो ने कहा है कि बिहार में बिहारी शिक्षक की तर्ज पर झारखंड में भी झारखंड के लोग ही शिक्षक बनेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय नीति का आधार 1985 नहीं होगा. इसका आधार 1932 ही होगा, क्योंकि झारखंड का यही आधार है. शिक्षा मंत्री श्री महतो ने कहा कि एकीकृत बिहार में झारखंड की स्थानीय नीति का आधार वर्ष 1932 ही था. इसलिए झारखंड में उसे ही लागू किया जायेगा.

Also Read: एसपी के सघन अभियान के एक दिन बाद हथियारबंद अपराधियों ने युवक का अपहरण कर गोली मार दी

श्री महतो ने कहा कि भाजपा की पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार ने जो स्थानीय नीति बनायी थी, उसमें 1985 से प्रदेश में रहने वाले सभी लोगों को स्थानीय निवासी माना गया था. शिक्षा मंत्री ने इसे खारिज कर दिया है. कहा कि उस स्थानीय नीति का कोई आधार नहीं है. कहा कि वर्ष 1932 आधार है. इसलिए इस पर लोगों की राय ली जा रही है. उन्होंने कहा कि जब बिहार में बिहारी शिक्षक हो सकते हैं, तो फिर झारखंड में झारखंडी ही शिक्षक क्यों नहीं हो सकते?

रघुवर सरकार ने लोगों के साथ धोखा किया

प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि झारखंड में एकीकृत बिहार के समय 1932 के खतियान के आधार पर ही यहां की स्थानीय नीति तय होती थी. रघुवर दास की आदिवासी विरोधी सरकार ने 1985 को आधार मानकर स्थानीय नीति बना दी. यह झारखंड के लोगों के साथ धोखा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की हेमंत सोरेन सरकार स्थानीय लोगों के साथ होने वाली नाइंसाफी को बर्दाश्त नहीं करेगी.

Also Read: झारखंड के शिक्षा मंत्री ने 11वीं में लिया दाखिला, 25 साल बाद राजनीति के साथ करेंगे पढ़ाई भी

जगरनाथ महतो ने जोर देकर कहा कि वर्ष 1985 के आधार पर तय की गयी स्थानीय नीति का झारखंड में कोई आधार नहीं है. 1932 झारखंड में स्थानीय नीति का आधार है. ज्ञात हो कि झारखंड में झामुमो-कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन की सरकार बनने के बाद ही कहा गया था कि भाजपा सरकार की स्थानीय नीति को बदलकर नयी स्थानीय नीति बनेगी. झारखंड में झारखंडी को ही सरकारी नौकरी का मुद्दा भी उठा था.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version