बोकारो: बाल श्रम को अगर जड़ से मिटाना सिर्फ श्रम विभाग का काम नहीं है. इसके लिए हर व्यक्ति को जागरूक होना होगा. जब तक सभी अभिभावक, दुकानदार और प्रशासनिक अधिकारी नहीं चाहेंगे, बाल श्रम से मुक्ति नहीं मिलने वाली.
हर हाल में बाल श्रम से मुक्ति दिलानी होगी. यह बातें बोकारो सेक्टर-2 कला केंद्र में आयोजित श्रम विभाग के कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि डीडीसी श्रीराम तिवारी ने अपने संबोधन में कही. कार्यशाला की अध्यक्षता जिप अध्यक्ष मिहिर सिंह चौधरी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बाल श्रम सबसे बड़ा अपराध है. हम एक बच्चे से काम कराते हैं, इसका मतलब की हम एक जिंदगी खराब कर रहे हैं. हमें मिल कर इस बारे सोचना होगा और झारखंड समेत पूरे भारत को बाल श्रम से मुक्ति दिलानी होगी. कार्यशाला में आये ट्रेड यूनियन और एनजीओ के लोगों को श्रम विभाग के दूसरे कार्यक्रमों के बारे में भी बताया गया.
बाल श्रम के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, अंतरराज्यीय मजदूर अधिनियम के बारे में जानकारी दी गयी. विभाग ने सरकार के मिशन 2016 के बारे में बताया, जिसके तहत झारखंड को वर्ष 2016 तक बाल श्रम से मुक्ति दिलानी है. कार्यशाला में बल विभाग के आला अधिकारियों के अलावा जिप उपाध्यक्ष राधानाथ सोरेन समेत कई अधिकारी मौजूद थे.