1987 का सर्वे सेटलमेंट रद्द हो, नहीं तो उग्र होगा आंदोलन : समरेश
प्रतिनिधि, चासबिहार सरकार की ओर से 1987 में हुई सर्वे सेटलमेंट में भारी गड़बड़ी है. सर्वे में 90 फीसदी किसानों को दिग्भ्रमित करने का काम किया है. इस सर्वे सेटलमेंट को झारखंड सरकार को रद्द कर देना चाहिए. सरकार को फिर से सर्वे सेटलमेंट कार्य को शुरू करना चाहिए. यह कहना है पूर्व विधायक समरेश […]
प्रतिनिधि, चासबिहार सरकार की ओर से 1987 में हुई सर्वे सेटलमेंट में भारी गड़बड़ी है. सर्वे में 90 फीसदी किसानों को दिग्भ्रमित करने का काम किया है. इस सर्वे सेटलमेंट को झारखंड सरकार को रद्द कर देना चाहिए. सरकार को फिर से सर्वे सेटलमेंट कार्य को शुरू करना चाहिए. यह कहना है पूर्व विधायक समरेश सिंह का. वह मंगलवार को चंदनकियारी यशपुर में आयोजित आक्रोश रैली में बोल रहे थे. कहा कि अगर सरकार की ओर से फिर से सर्वे सेटलमेंट शुरू नहीं किया गया, तो विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जायेगा. कहा : सर्वे सेटलमेंट में जमीन किसी की है और नाम किसी और का है. सुधार के नाम पर किसानों से पैसा वसूला जा रहा है.सडक से सदन तक होगा आंदोलन : अमरचंदनकियारी विधायक अमर बाउरी ने कहा कि गलत ढंग से सर्वे सेटलमेंट किया गया है. अगर सरकार इस मामले में सुधार नहीं लाती है, तो किसानों के हक व अधिकार के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष किया जायेगा. कहा कि वर्तमान सर्वे सेटलमेंट से सैकड़ों किसान भूमिहीन हो जायेंगे.