सिर चढ़ कर बोला अयान की सरोद का जादू

बोकारो: सलीकेदार कुर्सियां, सुगंधित सभागार और नामचीन फनकार की महफिल में बारिश के बाद फिर बारिश हुई. लेकिन यह बारिश कुछ खास थी, जिसमें संगीत का अनोखा व दिलचस्प संगम नजर आया. बीएसएल के एचआरडी सेंटर की रविवारीय संगीत सभा में संगीत के सुर कुछ इस अंदाज में झूमे मानो सोलह श्रृंगार किये कोई नायिका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2013 9:47 AM

बोकारो: सलीकेदार कुर्सियां, सुगंधित सभागार और नामचीन फनकार की महफिल में बारिश के बाद फिर बारिश हुई. लेकिन यह बारिश कुछ खास थी, जिसमें संगीत का अनोखा व दिलचस्प संगम नजर आया. बीएसएल के एचआरडी सेंटर की रविवारीय संगीत सभा में संगीत के सुर कुछ इस अंदाज में झूमे मानो सोलह श्रृंगार किये कोई नायिका नृत्य कर रही हो. मौका था बोकारो स्टील प्लांट के 50वें वर्ष के मौके पर आयोजित उस्ताद अयान अली खान के सरोद वादन का. उद्घाटन बीएसएल सीइओ अनुतोष मैत्र ने किया.

सुरों की मिठास और तैयारी से परिपूर्ण सरोद वादन की शुरु आत अयान ने संगीत के एक-एक सुर को शिल्पी की भांति गढ़ते हुए आगे बढ़ाया. खुद भी झूमे और उपस्थित लोगों को भी झूमने के लिए विवश कर दिया. रविवार की शाम इस्पात नगरी की बदली फिजा में शहरवासियों का पसंदीदा साज सरोद जब बजा तो समूचे वातावरण संगीतमय बना डाला. इसमें विलंबित ताल तीन ताल व द्रुत ताल तीन ताल में ठहराव के साथ वादन कर संगीत सभा को यादगार बनाना कलाकार की खासियत रही.

उस्ताद ने सरोद वादन में राग का प्रस्तुतिकरण सुव्यविस्थत रखते हुए वाह-वाही लूटी. उनके वादन में क्रम, नियम व अनुशासनादि सब विशेषताएं विद्यमान थीं. बीच-बीच में कठिन बोलों को गाकर बताना और अपनी तालीम की जानकारी देना श्रोताओं को खासा पसंद आया. उस्ताद ने राग की प्रस्तुति में प्रकृति के विभिन्न रंग दिखाए. परंपरा से सीखी हुई बंदिशों के अतिरिक्त स्वरचित बंदिशों का भी प्रदर्शन बड़ी कुशलता से उनके सरोद वादन में सुनाई दिया. मौके पर बीएसल के अधिकारी व विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी उपस्थित थे.

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