बोकारो: पिछले दिनों गोवा विधानसभा के पूर्व सचिव जोओ ब्रिगेंजा के मोबाइल फोन पर धमकी देकर 10 लाख रुपये रंगदारी की मांग की गयी थी. जिस फोन नंबर से रंगदारी मांगी गयी थी, उसका सिम ड्राइविंग लाइसेंस पर जारी किया गया था. यह ड्राइविंग लाइसेंस बोकारो परिवहन कार्यालय से जारी हुआ था. मामला उजागर होने के बाद गोवा पुलिस ने टावर लोकेशन का पता लगा कर बोकारो के बालीडीह व चास थाना क्षेत्र में छापामारी की. तीन दिनों तक बोकारो पुलिस व गोवा पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर एक साथ छापामारी की, लेकिन अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता नहीं मिली.
खुफिया एजेंसी कर रही है मामले की जांच : मामला हाइ-प्रोफाइल है, इस कारण इसे खुफिया एजेंसी के हवाले कर दिया गया है. गोवा विधानसभा के पूर्व सचिव को जान से मारने की धमकी देकर नक्सली कमांडर प्रकाश जी के नाम पर रंगदारी की मांग की गयी थी. जिस मोबाइल कंपनी के सिम से रंगदारी की मांग की गयी है. वह सिम बोकारो के सेक्टर एक बी, राम मंदिर मार्केट स्थित एक दुकान से आवंटित कराया गया है. उक्त दुकान पर पहुंच कर खुफिया विभाग के अधिकारियों ने कागजात की जांच की. दुकानदार ने बोकारो परिवहन कार्यालय द्वारा जारी किये गये ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर सिम कार्ड जारी किया था.
कार्यालय से गायब मिला रजिस्टर : उक्त लाइसेंस प्रशांत वर्णवाल, पिता स्वर्गीय एलटी वर्णवाल, बाइ पास रोड चास के नाम पर आवंटित है. लाइसेंस का नंबर 4005/03 हैं. उसकी वैधता 21 दिसंबर 2016 तक है. खुफिया विभाग के अधिकारी ड्राइविंग लाइसेंस लेकर जब जांच करने परिवहन कार्यालय गये तो संबंधित रजिस्टर कार्यालय से गायब से मिला. आधा घंटा तक रजिस्टर की खोज-बिन करने के उपरांत परिवहन कार्यालय के कर्मचारियों ने खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को टरका दिया. परिवहन कार्यालय से उक्त संचिका गायब होने के कारण खुफिया एजेंसी की जांच में बाधा आ रही है.
ड्राइविंग लाइसेंस पर दर्ज है अधूरा पता : खुफिया एजेंसी के अधिकारी इस मामले से जुड़े अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापामारी कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है. इसका मुख्य कारण परिवहन कार्यालय से उक्त संचिका का गायब होना है. संचिका मिलने से यह बात प्रमाणित हो जाता की उक्त लाइसेंस असली है या नकली. लाइसेंस पर पता के रूप में केवल बाइ पास रोड चास अंकित किया गया है. लाइसेंस धारी के आवास का कोई जिक्र नहीं है. बाइ पास रोड चास का एरिया चार किलोमीटर का है. इस क्षेत्रफल में लगभग हजारों आवास हैं. ऐसे में फोन करने वाले उग्रवादी को खोज निकालना खुफिया एजेंसी के लिए आसान नहीं है. उक्त सिम का टावर लोकेशन कभी बालीडीह तो कभी चास थाना क्षेत्र मिल रहा है.
पहले भी जारी हो चुका है आतंकवादी को लाइसेंस : कुछ वर्ष पहले भी बोकारो का परिवहन कार्यालय उस समय सुर्खियों में आया था. जब कश्मीर में एक आतंकवादी सुरक्षा बलों के हाथों मुठभेड़ में मारा गया था. उक्त आतंकवादी के पास से बरामद लाइसेंस भी बोकारो परिवहन कार्यालय से जारी किया गया था.