बोकारो में तीन सरकारी नर्सिंग प्रशिक्षण सेंटर बनकर तैयार, NOC का कर रहे इंतजार
बोकारो में करोड़ों की लागत से बने तीन एएनएम ट्रेनिंग स्कूल छह साल से बनकर तैयार हैं. सरकार की उदासीनता के कारण आज तक एक भी सेंटर शुरू नहीं हो सका है. किसी भी ट्रेनिंग सेंटर को सरकार ने अब तक एनओसी नहीं दी है. तीनों एएनएम ट्रेनिंग सेंटर वर्ष 2013 में स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर कर दिया गया.
Bokaro news: बोकारो में करोड़ों की लागत से बने तीन एएनएम ट्रेनिंग स्कूल छह साल से बनकर तैयार हैं. सरकार की उदासीनता के कारण आज तक एक भी सेंटर शुरू नहीं हो सका है. किसी भी ट्रेनिंग सेंटर को सरकार ने अब तक एनओसी नहीं दी है. तीनों एएनएम ट्रेनिंग सेंटर वर्ष 2013 में स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर कर दिया गया. उस वक्त भी हेमंत सरकार थी. तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बेरमो विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह थे. दो ट्रेनिंग सेंटर जैनामोड़ व फुसरो अस्पताल के पास है. वहीं एक सेंटर कैंप दो सदर अस्पताल के पीछे है. बता दें कि कैंप दो में चार करोड़, जैनामोड़ में तीन करोड़ व फुसरो में दो करोड़ की लागत से सेंटर का निर्माण कराया गया है.
कैंप दो में चार करोड़ की लागत से बना ट्रेनिंग सेंटर
कैंप दो में चार करोड़ की लागत से एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का भवन बनाया गया. भवन हैंडओवर किये छह साल हो गये. यहां एएनएम के प्रशिक्षण के साथ हॉस्टल की भी व्यवस्था है. भवन का शिलान्यास वर्ष 2011 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही ने किया था. 24 अगस्त 2017 को स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने भवन निरीक्षण किया था. उस वक्त वर्ष 2018-19 में पढ़ाई शुरू होने की बात कही गयी थी. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. नर्सिंग सेंटर को शुरू करने के लिए जब भी पत्राचार किया जाता है, तब मुख्यालय द्वारा कई तरह के कागजात की मांग की जाती है. ज्ञात हो कि सभी तरह के कागजात कई बार विभाग द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है. फिलहाल भवन में विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का प्रशिक्षण सहिया, सेविका, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाता है. फिलहाल भवन को कोविड केयर सेंटर बनाया गया है.
पांच जुलाई 2018 से लगातार हो रहा है पत्राचार
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को कई बार बोकारो के कई पूर्व सिविल सर्जन पत्र लिख चुके हैँ. पांच जुलाई 2018 को स्वास्थ्य निदेशक ने सिविल सर्जन से जानकारी मांगी थी कि ट्रेनिंग स्कूल परिसर में हॉस्टल है. सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से पूरी जानकारी बार-बार उपलब्ध करायी गयी. बताया गया कि छात्राओं के रहने के लिए हॉस्टल है. मुख्यालय की मांग पर 25 मई 2019 को भवन का पूरा मैप भेजा गया. इसके बाद कई बार मुख्यालय व जिला स्तर पर पत्राचार किया गया. हर बार आश्वासन मिला कि जल्द ही सेंटर शुरू कर दिया जायेगा.
फिलहाल बोकारो में तीन निजी सेंटर संचालित
फिलहाल बोकारो जिला में तीन नर्सिंग सेंटर (एक सेक्टर आठ में 30 सीट, दूसरा जैनामोड़ में 60 सीट व तीसरा सतनपुर में 60 सीट) संचालित है. ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश लड़कियां तीनों जगहों से नर्सिंग कोर्स कर रही है. इसके एवज में लाखों रुपये पढ़ाई, रहने व खाने पर प्रशिक्षणार्थियों को खर्च करना पड़ रहा है. सरकारी केंद्र खुलने पर आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को आसानी होगी.
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क्या कहते हैं अधिकारी
बोकारो के सिविल सर्जन, डॉ. एबी प्रसाद ने स्वास्थ्य विभाग को पत्राचार किया है. बस सरकार के पत्र का इंतजार है. एनओसी प्राप्त होते ही तीनों सेंटर में प्राचार्य, इंस्ट्रक्टर, वार्डन व कर्मियों की नियुक्ति होगी. इसके बाद ट्रेनिंग का रास्ता साफ हो जायेगा. अपने स्तर से सभी कोशिश कर रहा हूं, ताकि सेंटर जल्द शुरू हो.
बोकारो के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. एके पाठक ने कहा कि किसी भी जिले में सरकारी स्तर पर एक ही एएनएम ट्रेनिंग स्कूल होता है. जबकि बोकारो जिले में तीन सेंटर बनाया गया. मेरे कार्यकाल के दौरान मैंने लगातार सरकार को पत्र भेजकर एनओसी मांगी थी. एक ही जिला में तीन नर्सिंग सेंटर को एनओसी मिलना अंसभव लगता है.
बोकारो के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. सोबान मुर्मू ने कहा कि बोकारो में सरकारी स्तर पर एएनएम ट्रेनिंग सेंटर जल्द खुलना चाहिए. इससे गरीब तबके की लड़कियों को अधिक फायदा होगा. सेंटर को शुरू करने के लिए पांच बार पत्राचार किया. जितनी बार कागजात की मांग मुख्यालय से की गयी उतनी बार कागजात उपलब्ध भी कराता रहा.
रिपोर्ट: रंजीत कुमार, बोकारो