Jharkhand News: 30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में झारखंड का प्रतिनिधित्व करेगी बोकारो की रिद्धि शर्मा
30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन 27-31 जनवरी तक अहमदाबाद में हो रहा है. इसमें डीएवी-06 की रिद्धि शर्मा झारखंड का प्रतिनिधित्व जूनियर वर्ग में करेगी. रिद्धि शर्मा व रिया सारथी का प्रोजेक्ट है-फराग्रंस फ्रॉम वेनरेसन वेस्ट. प्राचार्य एसके मिश्र ने रिद्धि शर्मा के चयन होने पर बधाई दी.
बोकारो, सुनील तिवारी. शास्त्रों में कहा गया है कि इस धरती पर कुछ भी बेकार (निरर्थक) नहीं है. फर्क सिर्फ दृष्टि का है. जैसी दृष्टि, वैसी सृष्टि. उपयोग के बाद फूलों से धूपबत्ती, कंपोस्ट, गुलाल, हवन कप बनाने का कार्य डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-06 की आठवीं की छात्रा रिद्धि शर्मा व नौवीं की रिया सारथी ने किया है. मंदिरों में चढ़ाये गये फूल फेंक दिये जाते हैं या नदियों में प्रवाहित कर दिये जाते हैं. आस्था को देखते हुए और कचरा के समाधान के लिए रिद्धि व रिया ने पहल की है. 30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन 27-31 जनवरी तक अहमदाबाद में हो रहा है. इसमें बोकारो की रिद्धि शर्मा झारखंड का प्रतिनिधित्व करेगी.
वेस्ट को वेल्थ में बदलने की पीएम की परिकल्पना साकार
श्रद्धा के फूल रोजगार का जरिया बन सकते हैं. मंदिर में चढ़ाये गये फूलों से धूपबत्ती, कंपोस्ट, गुलाल, हवन कप आदि बनाये जा सकते हैं. इसके लिए घरेलू महिलाओं को प्रशिक्षण देकर कुटीर उद्योग के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. मंदिर में चढ़ाये गये फूलों से धूपबत्ती, कंपोस्ट, गुलाल, हवन कप बनाने के इस प्रयास से वेस्ट को वेल्थ में बदलने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना साकार होगी. इससे आस्था को सम्मान मिलेगा. यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम होगा.
जूनियर वर्ग में झारखंड का प्रतिनिधित्व करेगी रिद्धि शर्मा
30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन 27-31 जनवरी तक अहमदाबाद में हो रहा है. इसमें डीएवी-06 की रिद्धि शर्मा झारखंड का प्रतिनिधित्व जूनियर वर्ग में करेगी. रिद्धि शर्मा व रिया सारथी का प्रोजेक्ट है “फराग्रंस फ्रॉम वेनरेसन वेस्ट”. प्राचार्य एसके मिश्र ने सोमवार को राष्ट्रीय स्तर पर रिद्धि शर्मा के चयन होने पर बधाई दी. फाइनल में भी सर्वोत्तम आने की शुभकामना दी. उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि कठिन परिश्रम का परिणाम है. रिद्धि शर्मा ने अपनी प्रतिभा का परिचय बाल विज्ञान कांग्रेस में दिया.
छठ घाट पर तालाब की स्थिति देख आया आइडिया
रिद्धि शर्मा व रिया सारथी ने बताया कि छठ पूजा में उगते सूर्य को अर्घ्य व पारण के बाद घाट काफी गंदा नजर आता है. तालाब में हर तरफ फूल ही फूल नजर आते हैं, जो लोगों के द्वारा विसर्जित किये जाते हैं. इससे जल में प्रदूषण फैलता है व वातावरण दूषित होता है. कुछ दिनों के बाद इसमें बहुत सारे कीड़े लगते हैं, जो पानी को प्रदूषित कर देते हैं. तालाब में खटाल से लोग मवेशी को नहलाने ले जाते हैं. खुद भी नहाते हैं. प्रदूषित जल में नहाने की वजह से कई सारी बीमारियां हो सकती हैं. इसने हमें परेशान कर दिया.
स्टेप बाय स्टेप परियोजना को धरातल पर उतारा
रिद्धि व रिया ने बताया कि सितंबर 2022 में स्कूल में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भाग लेने की घोषणा हुई. हमने इसी विषय पर काम करने का मन बनाया. हमने अपने विषय पर गाइड टीचर मनीषा अश्विनी सहाय से चर्चा की. उन्होंने बताया कि यह विषय सर्वोत्तम है. अगर हम उन बेकार के फूलों से अत्यंत उपयोगी कार्य कर सकें. सितंबर माह में हमने अपनी परियोजना को पटल पर रखा व अपनी प्लानिंग शुरू की. सबसे पहले हम उन फूलों का क्या-क्या बनायेंगे, किस तरीके से प्रयोग करेंगे, यह सब विचार स्टेप बाय स्टेप किया.
सस्ती और घर में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं का प्रयोग
सबसे पहले रिद्धि व रिया ने अलग-अलग जगहों जैसे तालाबों, नदियों व मंदिरों से फूलों को एकत्रित किया. उन्हें अच्छी तरह से धोकर साफ करके, पंखुड़ियों को अलग कर सुखाया. 20 दिनों के बाद उसे पीसकर और कई सारे घरेलू चीजों को मिलाकर धूपबत्ती, कंपोस्ट, गुलाल, हवन कप आदि बनाया. नीम और तुलसी के प्रयोग से भी मॉस्किटो रेपेलेंट बनाया. परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता सस्ती और घर में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं का प्रयोग है. परियोजना का चयन शहरी क्षेत्र जूनियर ग्रुप में हुआ. इससे दोनों खुश हैं.
रिद्धि शर्मा व रिया सारथी के घर-परिवार में हर्ष का माहौल
रिद्धि शर्मा की मां सुमन शर्मा भारतीय पूर्वी रेलवे में ऑफिस सुपरिंटेंडेंट के पद पर हावड़ा, पश्चिम बंगाल में कार्यरत हैं. पिता सुजीत कुमार शर्मा लखनऊ में प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं. रिद्धि सेक्टर तीन-चक्की मोड़ में दादाजी बीएसएल से रिटायर्ड राजेंद्र शर्मा व दादी सुशीला शर्मा के साथ रहती है. उधर, रिया सारथी के पिता कुमार पार्थ सारथी बिजनेसमैन हैं. मां मधुबाला कुमारी (पूर्व कर्मी-बीजीएच) हैं. रिद्धि शर्मा व रिया सारथी की उपलब्धि से घर-परिवार के साथ-साथ स्कूल परिवार में हर्ष का माहौल है.