शिक्षा से ही सामाजिक समन्वय संभव : मिश्र
बोकारो: समाज की कल्पना आपसी समन्वय से होती है, जो शिक्षा से ही संभव है. शिक्षा वही है जो अपनी संस्कृति पर आधारित हो. यह कहना है शिव कुमार मिश्र का. श्री मिश्र ने विवेकानन्द सार्ध शती समारोह को समर्पित सरस्वती विद्या मंदिर सेक्टर 3सी में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. […]
बोकारो: समाज की कल्पना आपसी समन्वय से होती है, जो शिक्षा से ही संभव है. शिक्षा वही है जो अपनी संस्कृति पर आधारित हो. यह कहना है शिव कुमार मिश्र का. श्री मिश्र ने विवेकानन्द सार्ध शती समारोह को समर्पित सरस्वती विद्या मंदिर सेक्टर 3सी में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. कहा : भारतीय संस्कृति प्रकृति से जुड़ी हुई है.
विद्या भारती की शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति पर आधारित है. प्रकृति व सामाजिक संरक्षण ही हमारा लक्ष्य है. विशिष्ट अतिथि सत्यदेव तिवारी ने आचार्यो के व्यक्तित्व विकास के लिए इस प्रकार के आयोजन को आवश्यक बताया. विद्यालय के प्राचार्य शिव कुमार सिंह ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराने के बाद कहा : आज का सामाजिक परिवेश विकृत होता जा रहा है. विद्यार्थियों में दूरदर्शन व पाश्चात्य संस्कृति के प्रति रूझान बढ़ा है. हम आचार्य इसका ध्यान रखते हुए संस्कारित वातावरण में शिक्षण करें, ऐसी अपेक्षा है.
कई तरह के कार्यक्रम
कार्यशाला में स्वामी विवेकानंद की जीवनी, हिंदी व अंगरेजी सुलेख प्रतियोगिता, विभिन्न विषयों पर आधारित आदर्श पाठ व प्रश्न मंच का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना से हुआ. मंच संचालन आचार्य देव नारायण चौहान व धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य संजीव कुमार सिन्हा ने किया.
ये थे उपस्थित
प्राचार्य डॉ शैलेंद्र कुमार मिश्र, अभिमन्यु पासवान व गीता मिश्र के अलावा सरस्वती विद्या मंदिर-3 सी, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर 2 अ, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर 9द, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर- रीतुडीह, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर- बालीडीह व सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, देवनगर दुग्दा के सभी आचार्य उपस्थित थे.