रोटा वायरस से होती है डायरिया : डॉ पंकज

बोकारो: मौसम बदलने के साथ ही बीमारियों का प्रकोप भी शुरू हो गया है. खास कर बरसात के दिनों में बच्चे डायरिया की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. थोड़ी सी देर या चूक बच्चों के लिए जान लेवा साबित होती है. डायरिया का मुख्य कारण वायरस, बैक्टीरिया अथवा प्रोटोजोआ नामक जीवाणुओं का संक्रमण है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2013 9:47 AM

बोकारो: मौसम बदलने के साथ ही बीमारियों का प्रकोप भी शुरू हो गया है. खास कर बरसात के दिनों में बच्चे डायरिया की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. थोड़ी सी देर या चूक बच्चों के लिए जान लेवा साबित होती है.

डायरिया का मुख्य कारण वायरस, बैक्टीरिया अथवा प्रोटोजोआ नामक जीवाणुओं का संक्रमण है. 40 प्रतिशत से अधिक केस में रोटा वायरस नामक जीवाणु डिहाइड्रेशन डायरिया का कारण होता है. यह बातें शिव शक्ति अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ पंकज कुमार ने ‘प्रभात खबर’ से कही.

प्रारंभिक लक्षण

परेशान और चिड़चिड़ा रहना

प्यास अधिक लगना

पेशाब कम होना

आंखें और तालू का धंसना

आंखों से आंसू कम आना

मुंह का लगातार सूखना

शरीर के चमड़े का लचीला पन कम होना

गंभीर लक्षण

बच्च काफी सुस्त हो जाता है

आंसू का बनना बंद हो जाता है

मुंह व जीभ में पपड़ी हो जाता है

शरीर छूने में ठंडा लगता है

त्वचा का रंग सफेद होने लगता है

घरेलू उपचार

बच्चों को सामान्य भोजन पानी

उम्र के हिसाब से स्तन पान कराना

घर में उपलब्ध बार्ली पानी देना

बिना नमक के दाना का पानी देना

हल्का नमक डाल कर पतला माड़ पिलाना

नारियल का पानी लगातार देते रहना

सादा पानी पिलाने में कमी नहीं करना

चीनी-नमक का घोल (200 मिली पानी में दो चम्मच चीनी, चुटकी भर नमक व दो बूंद नीबू का रस) देते रहना

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