सीखने की ललक होना जरूरी

बोकारो: सोचने व सीखने की जिज्ञासा होना, योजना बनाकर तैयारी करना, योजना को सुरक्षित रखना, जीवन में सामंजस्य होना, नेतृत्व की भावना होना, लचीलापन होना, एकता का भावना होना, प्रदर्शन की क्षमता होना, प्रशासनिक क्षमता का विकास करना, चरित्र का प्रबंधन होना व हर पल का सही प्रबंधन होना चाहिए. सफलता के यह 11 मंत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2015 9:59 AM
बोकारो: सोचने व सीखने की जिज्ञासा होना, योजना बनाकर तैयारी करना, योजना को सुरक्षित रखना, जीवन में सामंजस्य होना, नेतृत्व की भावना होना, लचीलापन होना, एकता का भावना होना, प्रदर्शन की क्षमता होना, प्रशासनिक क्षमता का विकास करना, चरित्र का प्रबंधन होना व हर पल का सही प्रबंधन होना चाहिए.

सफलता के यह 11 मंत्र गुरुवार को स्वामी धर्मबंधु ने बताया. वह सेक्टर-4 स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में छात्रों को प्रेरणा मंत्र बता रहे थे. स्वामी जी ने कथा व उदाहरण से छात्रों को प्रेरित किया. इससे पहले विद्यालय के प्राचार्य अरुण कुमार ने स्वामी जी का स्वागत किया. कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार सिन्हा ने किया.

डीएवी-6 में भी बच्चों का मार्गदर्शन : इधर, डीएवी-6 में भी स्वामी धर्मबंधु ने छात्र-छात्रओं का मार्गदर्शन किया. कहा : स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है. निर्भयतापूर्वक हिंसा, चोरी, अविश्वास व लालच को छोडना होगा. अहंकार को छोड़कर ज्ञान अजिर्त करने की जरूरत है. स्वामी जी ने कहा : अच्छे कर्म से सीखने की कला होनी चाहिए. विद्यालय के उपाध्यक्ष केके कक्कड़ ने कहा : ज्ञान की जो धारा स्वामी जी ने बहायी है, उससे सीखने की जरूरत है. कार्यक्रम में सभी शिक्षक-शिक्षिका मौजूद थे.

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