इस विद्यालय के 827 छात्र-छात्रएं इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दे रहे हैं, जबकि पठन-पाठन के लिए मात्र 6 से 8 कमरे हैं . ऐसे में सवाल यह उठता है कि 827 बच्चों के अलावा कक्षा 6 से 10 तक के बाकी लगभग 600 बच्चों में कुल 1427 बच्चों को इन 6 से 8 कमरों में कैसे बैठाकर पढ़ाया जाता है.
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उम्र 50 की, परीक्षा दे रहे 22 का बन कर
कसमार: कसमार प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित मुरहुलसूदी पंचायत स्थित हरिजन आदिवासी उच्च विद्यालय में अधेड़ लोगों को कम उम्र का बताकर मैट्रिक परीक्षा में शामिल कराने का मामला सामने आया है. शुक्रवार को प्लस टू उच्च विद्यालय में मैट्रिक की परीक्षा दे रहे कई अधेड़ों की उम्र और पंजीयन की उम्र का मिलान किया गया […]
कसमार: कसमार प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित मुरहुलसूदी पंचायत स्थित हरिजन आदिवासी उच्च विद्यालय में अधेड़ लोगों को कम उम्र का बताकर मैट्रिक परीक्षा में शामिल कराने का मामला सामने आया है. शुक्रवार को प्लस टू उच्च विद्यालय में मैट्रिक की परीक्षा दे रहे कई अधेड़ों की उम्र और पंजीयन की उम्र का मिलान किया गया तो उसमें काफी अंतर पाया गया. यहां तक की कई परीक्षार्थियों को अपने विद्यालय का नाम तक पता नहीं था.
इनमें से कई ऐसे छात्र विद्यालय में मैट्रिक परीक्षा दे रहे थे, जिनकी उम्र 45-50 वर्ष हो चुकी है, लेकिन पंजीयन रसीद में उनकी उम्र 22-23 वर्ष दर्शायी गयी है. इनमें युगल दास (पिता जगेश्वर दास) जिनकी उम्र पंजीयन में 19 वर्ष दर्शायी गयी है, लेकिन देखने से लगता है कि उनकी वास्तविक उम्र 45 के करीब होगी. इसके अलावा मनोज कुमार सिंह 24 वर्ष, तनवीर आलम 19 वर्ष, राजीव लोचन नायक 17 वर्ष दर्शाकर परीक्षा दे रहे हैं, जबकि इनकी वास्तविक उम्र इससे कहीं ज्यादा है.
क्या कहते हैं बीडीओ: मामले में कसमार बीडीओ संतोष कुमार ने बताया कि उम्र छिपाकर परीक्षा देना शिक्षा विभाग व प्रशासन को धोखा देना है, यह जांच का विषय है. इस मामले की जांच की जायेगी. दोषी पाये जाने पर विद्यालय प्रबंधन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक: इस मामले में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक जीतलाल महतो से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि मेरे संज्ञान में ऐसा मामला नहीं आया है. रिकॉर्ड बही देखने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है.
अधिक उम्र को कम बनाकर परीक्षा में भाग लेना बिल्कुल गलत है. जिस स्कूल द्वारा ऐसा किया गया है, ऐसे लोगों को परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने देना चाहिए. वैसे परीक्षार्थियों का फॉर्म भरने वाले स्कूल के विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी. जरूरत पड़ी तो परीक्षार्थी की उम्र की जांच सिविल सजर्न से करायी जायेगी व गिरफ्तारी करायी जायेगी.
धर्मदेव राय, डीइओ, बोकारो, धनबाद
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