बोकारो: समय : सुबह लगभग 08 बजे. दिन : मंगलवार. चंदनकियारी के पूर्व विधायक सह वन निगम के अध्यक्ष उमाकांत रजक सेक्टर-9 स्थित अपने आवास में कुरसी पर बैठे हैं. आस-पास चंदनकियारी विस क्षेत्र के लगभग एक दर्जन लोग अपनी-अपनी समस्या लेकर पहुंचे हैं. श्री रजक एक -एक कर सभी से बात कर रहे हैं. पता चला कि यह दरबार प्रतिदिन लगता है. श्री रजक सुबह सात बजे से लेकर 11 बजे तक चंदनकियारी विस क्षेत्र के लोगों की समस्या को सुनते हैं और उसे दूर करने का भरसक प्रयास करते हैं.
श्री रजक ने कहा : क्षेत्र की जनता को छोड़ नहीं सकता हूं. आज भी उनसे संपर्क में हूं. प्रतिदिन आवास पर क्षेत्र के दर्जनों लोगों से मिलता हूं. अच्छा लगता है जब लोग मुझसे मिलने आते हैं. खुशी होती है कि क्षेत्र की जनता को आज भी मुझसे अपेक्षा है. इधर, मनोज सिंह ने बताया : आवासीय कार्यालय में प्रतिदिन चंदनकियारी से दर्जनों लोग तरह-तरह की समस्या लेकर आते हैं. सबकी बात को ‘साहेब’ ध्यान से सुनते हैं और हर संभव मदद करते हैं.
केस स्टडी-1
बाबू, बेटा को कैंसर हो गया है. इलाज की व्यवस्था करा दीजिए न. यह गुहार लगायी चंदनकियारी के 65 वर्षीय बालीचंद डोम ने. बताया कि 48 वर्षीय पुत्र भक्ति डोम को बहुत दिनों से कैंसर है. जगह-जगह इलाज करा कर थक चुका हूं. किसी ने बताया है कोलकाता में बेहतर इलाज होगा. चंदनकियारी के पूर्व विधायक सह वन निगम के अध्यक्ष उमाकांत रजक ने तुरंत कोलकाता के एक कैंसर अस्पताल में इलाज के लिए पत्र लिख कर बालीचंद डोम को दिया. बालीचंद पत्र लेकर खुशी-खुशी लौट गया, जैसे बेटे का कैंसर ठीक हो गया हो.
केस स्टडी-2
दादा, रामनवमी में अखाड़ा कमेटी का जुलूस निकलेगा. आपको आना है. यह निमंत्रण लेकर श्री श्री रामनवमी पूजा समिति (पुराना अखाड़ा-धोबी पाड़ा) भोजूडीह के अध्यक्ष विशाल रजक चंदनकियारी के पूर्व विधायक सह वन निगम के अध्यक्ष उमाकांत रजक के यहां लगभग आधा दर्जन युवकों के साथ पहुंचे. कहा कि आप थोड़ी देर के लिए भी आ जाइयेगा तो हमारा उत्साह बढ़ेगा. उमाकांत रजक ने कहा कि आप जाइए और तैयारी करें. कोई सहयोग करना हो तो बताइए. मैं जरूर आऊंगा.
केस स्टडी-3
नौडिहा-चंदनकियारी के नूर मोहम्मद अंसारी का कोई परिजन बीजीएच में इलाजरत है. वह सुबह-सुबह उससे मिलने बीजीएच आये थे. बीजीएच में हाल-चाल लेकर सीधे उमाकांत के दरबार पहुंचे. पूछने पर बताया कि कोई काम या समस्या लेकर नहीं आया हूं. बोकारो आया था, इसलिए विधायक जी से मिलने चला आया. कहा कि उमाकांत आज विधायक नहीं हैं तो क्या हुआ? यह आज भी हमारे सुख-दु:ख के बराबर के सहभागी हैं. क्षेत्र की बड़ी आबादी उमाकांत जी के साथ है.