नया नहीं है स्वाइन फ्लू, संक्रमण से बचें

बोकारो: सेक्टर पांच स्थित आशा लता केंद्र के हेलन केलर सभागार में निरोग ज्ञान की ओर से ‘स्वाइन फ्लू से बचाव’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. अध्यक्षता नीरज व संचालन चास कॉलेज चास के प्राचार्य प्रो पीएल वर्णवाल ने किया. मुख्य अतिथि बीजीएच के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सतीश कुमार ने कहा : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2015 9:54 AM
बोकारो: सेक्टर पांच स्थित आशा लता केंद्र के हेलन केलर सभागार में निरोग ज्ञान की ओर से ‘स्वाइन फ्लू से बचाव’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. अध्यक्षता नीरज व संचालन चास कॉलेज चास के प्राचार्य प्रो पीएल वर्णवाल ने किया. मुख्य अतिथि बीजीएच के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सतीश कुमार ने कहा : स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है. संक्रमण से बचाव ही सही उपाय है. कहा : इस फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू की तरह ही हैं, लेकिन लापरवाही बरतने पर परिणाम गंभीर हो सकते हैं. यदि आपको बुखार, खांसी, सिर दर्द, कमजोरी और थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, नाक बहना, गले में खरास आदि लगातार हो तो सचेत रहने की जरूरत है. तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.
मीट खाने से नहीं होता स्वाइन फ्लू : मीट खाने से कभी स्वाइन फ्लू नहीं होता है, न ही नल के पानी पीने से. वैक्सीन लगाने की जरूरत हर इनसान को नहीं है. इसका उपयोग हाई रिस्क ग्रुप को ही करना चाहिए. टैमीफ्लू का इस्तेमाल भी चिकित्सक के परामर्श के बिना नहीं करना चाहिए. स्वाइन फ्लू कोई नयी बीमारी नहीं है. यह 2009 में शुरू हुई थी, जो बीच-बीच में कम प्रभावी रही. इस बार 2015 में अधिक प्रभावी हो गयी है. इसके विषाणु ऑर्थोमीक्सोबायरीडी ग्रुप का आरएनए विषाणु है. कार्यशाला को बीजीएच के कैंसर यूनिट के चिकित्सक डॉ टीएम सिंह ने भी संबोधित किया.
ये थे मौजूद: मौके पर ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ श्रवण कुमार, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ जाहिद अली सिद्दीकी, डॉ निखिल, चेंबर संरक्षक संजय वैद, मिशन अस्पताल के राजीव कुमार सिंह, सुधाकर, मनीष, करण सिंह सहित दर्जनों समाजसेवी व बुद्धिजीवी मौजूद थे.

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