बोकारो : निर्माणाधीन चास गरगा पुल के पूर्ण होने के पहले ही उसकी गुणवत्ता को पर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं. बिन मौसम बरसात में पुल के स्लैब से दरार के कारण पानी टपकने लगा है. इसके पूर्व बोकारो के भाजपा विधायक ने पुल की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न चिह्न् लगाते हुए जांच कराने […]
बोकारो : निर्माणाधीन चास गरगा पुल के पूर्ण होने के पहले ही उसकी गुणवत्ता को पर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं. बिन मौसम बरसात में पुल के स्लैब से दरार के कारण पानी टपकने लगा है. इसके पूर्व बोकारो के भाजपा विधायक ने पुल की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न चिह्न् लगाते हुए जांच कराने की मांग की थी. हालांकि एचएससीएल का क्वालिटी कंट्रोल विभाग पुल निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखने की बात कर रहा है.
एनएच ने गुणवत्ता को सही बताया : डीसी उमाशंकर सिंह द्वारा गठित कमेटी ने गुणवत्ता के बिंदु पर अपनी रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि काम करने वाली एजेंसी एचएससीएल के क्वालिटी कंट्रोल द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र को एनएच ने स्वीकार किया है. एनएच के अभियंता ने न केवल हस्ताक्षर किया है, बल्कि पूर्ण कार्य के एवज में भुगतान की अनुशंसा भी की है. वहीं एचएससीएल का कहना है कि क्वालिटी चेक के बाद ही एनएच भुगतान करता है. डीपीआर के अनुसार कार्य किया जा रहा है.
डीसी ने लिखा प्रधान सचिव को पत्र : बोकारो डीसी ने गरगा पुल के निर्माण में विलंब होने की जांच कराने के बाद रिपोर्ट संबंधित विभाग के प्रधान सचिव को भेज दी है. डीसी ने प्रधान सचिव से इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
अब तक 51 प्रतिशत ही हो पाया निर्माण
रोड कंस्ट्रक्शन विभाग की तत्कालीन प्रधान सचिव राजबाला वर्मा ने 24 जनवरी 2013 को एचएससीएल के साथ निर्माण के एकरारनामा को रद्द कर दिया था. उस समय पुल का निर्माण 37 प्रतिशत हुआ था. पुन: 20 मार्च 2014 से कार्य करने का आदेश मिला. अभी तक पुल निर्माण का कार्य लगभग 51 प्रतिशत ही हुआ है.
लागत है 4.43 करोड़ की
गरगा नदी पर 102.24 मीटर लंबा व 14.600 मीटर चौड़ा पुल पूर्व में 3.58 करोड़ की लागत से बन रहा था. फिलहाल इसकी लागत 4.43 करोड़ तक पहुंच गयी है.