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विस्थापितों में नेता बनने की होड़ : शिबू

बोकारो: विस्थापितों में नेता बनने की होड़ है. इसी कारण विस्थापित को जमीन के बदले नौकरी नहीं मिल रही है. नौकरी पाने के लिए विस्थापितों को एक मंच से आवाज बुलंद करनी होगी. प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2015 8:21 AM
बोकारो: विस्थापितों में नेता बनने की होड़ है. इसी कारण विस्थापित को जमीन के बदले नौकरी नहीं मिल रही है. नौकरी पाने के लिए विस्थापितों को एक मंच से आवाज बुलंद करनी होगी.

अलग-अलग मंच से चिल्लाने से प्रबंधन विस्थापित के साथ न्याय नहीं करने वाला. यह बात झामुमो सुप्रीमो सह दुमका सांसद शिबू सोरेन ने कही. वह सोमवार को सेक्टर एक स्थित अपने आवास में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. कहा : विस्थापितों को नौकरी देने के लिए प्रबंधन को नीति बनानी चाहिए. प्रबंधन के कारण विस्थापितों के सामने भुखमरी की समस्या आ गयी है. कहा : नौकरी मिलने के बाद एक विस्थापित ही विस्थापित की समस्या भूल जाता है. श्री सोरेन ने कहा : राज्य व केंद्र सरकार के पास कोई विजन नहीं है.

सरकार की नीति ऐसी है कि हर रोज कानून बनेगा व जबरदस्ती जमीन हड़प होती रहेगी. राज्य सरकार एससी-एसटी को जमीन वापस करने की बात कर रही है, पर कब करेगी इसका एलान नहीं कर रही है. जनता को ठगा जा रहा है. सरकार का कोई काम दिख नहीं रहा है. इससे पहले बोकारो के कई विस्थापित संगठन के नेताओं ने श्री सोरेन को समस्या से अवगत कराया. मौके पर झामुमो के नगर अध्यक्ष मंटू यादव समेत कई झामुमो नेता मौजूद थे.

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