बंद आंखों से ऋषभ व कृष्णा देखते हैं दुनिया

बोकारो : सोनाटांड़ में रहने वाले दो भाइयों की जोड़ी 14 वर्षीय ऋषभ कुमार व नौ वर्षीय कृष्णा कुमार के कारनामों ने स्थानीय लोगों को अचंभित कर रखा है. बंद आंखों से पढ़ाई करना, ड्राइंग बनाना व सामने खड़े लोगों को पहचान लेना दोनों भाइयों की पहचान बन गयी है. यह किसी अचंभे से कम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2015 8:35 AM
बोकारो : सोनाटांड़ में रहने वाले दो भाइयों की जोड़ी 14 वर्षीय ऋषभ कुमार व नौ वर्षीय कृष्णा कुमार के कारनामों ने स्थानीय लोगों को अचंभित कर रखा है. बंद आंखों से पढ़ाई करना, ड्राइंग बनाना व सामने खड़े लोगों को पहचान लेना दोनों भाइयों की पहचान बन गयी है. यह किसी अचंभे से कम नहीं है.
यह दोनों भाइयों के चार महीने के अथक प्रयास का नतीजा है. दोनों भाइयों की दिनचर्या सुबह चार बजे शुरू होती है. सुबह जगने के बाद फ्रेश होकर एक घंटे तक आंखों पर पट्टी बांध कर अभ्यास करते हैं. इसके बाद आगे की दिनचर्या शुरू होती है.
सूंघ कर पहचानते हैं कलर व नोट
ऋषभ कुमार व कृष्णा कुमार ने शुक्रवार को सोनाटांड़ स्थित अपने आवास पर ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में अपने कारनामे को विज्ञान बताया. कहा : हमारे शिक्षक ने पहले हमारी आंखों को बंद करके संगीत सुनाया. इसके बाद हाथ में पेंसिल देकर सूंघ कर कलर पहचानने की कला बतायी. शुरू में अटपटा लगा. धीरे-धीरे 10 दिनों में हम अभ्यस्त हो गये. इसके बाद खुली आंखों से कुछ करना अच्छा नहीं लगता है. बस आंखों को बंद किया और शुरू कर दी पढ़ाई-लिखाई. आगे बहुत कुछ करना बाकी है. पिता जितेंद्र केसरी व माता निशा केसरी ने कहा : हमने सोचा कि हमारे बच्चे कुछ अलग करें. इस कारण इस तरह की शिक्षा देनी शुरू की. ऋषभ कुमार क्रिसेंट पब्लिक स्कूल चास में नौवीं कक्षा का छात्र है, जबकि कृष्णा जीजीपीएस सेक्टर पांच में तीसरी कक्षा का छात्र है.

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