बोकारो : स्कूल बसों को लेकर कई नियम बने हैं, लेकिन स्कूलों में अटैच मैजिक वैन, ऑटो में सवार होने वाले बच्चों की जिंदगी से अब भी खिलवाड़ किया जा रहा है. शहर में रोजाना 25 हजार से ज्यादा स्कूली बच्चे वैन, मैजिक व ऑटो से आना-जाना करते हैं.
अभिभावको के साथ आवागमन करने वाले बच्चों की संख्या बहुत मामूली है. छोटे वाहनों में अटेंडर होना तो दूर की बात है, क्षमता से अधिक बच्चों को भी बैठा लिया जाता है. घर के पास छोड़ने के दौरान भी बच्चों की देखरेख के लिए कोई नहीं होता. ऐसे में हमेशा खतरा बना रहता है. स्कूलों में अटैच छोटे वाहन खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं. इसके बावजूद न तो कभी परिवहन विभाग कोई बड़ी कार्रवाई करता है और न ही यातायात पुलिस.
रद्द हो सकती है स्कूल की संबंद्धता : अधिकांश छोटे वाहन स्कूलों से अटैच तो हो जाते हैं लेकिन स्कूल वाहनों का परिमट नहीं लेते. इसी कारण ये नियमों से बच जाते हैं. स्कूल संचालक भी इन वाहनों को अटैच करते हैं, लेकिन वे भी जिम्मेदारी नहीं लेते. मामले में अभिभावक स्कूलों की लापरवाही की शिकायत सीबीएसइ की शिकायत सेल में कर सकते हैं. किसी स्कूल के खिलाफ गंभीर आरोप लगने और साबित होने पर उसकी संबंद्धता तक समाप्त हो सकती है.