ग्राहक को देना पड़ेगा 32 ग्राम सोने का मूल्य

बोकारो: जिला उपभोक्ता फोरम में चल रहे एक मामले में फैसला सुनाते हुए फोरम के अध्यक्ष गौतम महापात्र ने चास के मेन रोड स्थित महालक्ष्मी ज्वेलर्स के संचालक को उपभोक्ता के 32 ग्राम सोने (22 कैरेट) का मूल्य चुकाने का आदेश दिया है. सोने का मूल्य फैसले की तारीख पांच मई 2015 से निर्धारित किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2015 8:36 AM
बोकारो: जिला उपभोक्ता फोरम में चल रहे एक मामले में फैसला सुनाते हुए फोरम के अध्यक्ष गौतम महापात्र ने चास के मेन रोड स्थित महालक्ष्मी ज्वेलर्स के संचालक को उपभोक्ता के 32 ग्राम सोने (22 कैरेट) का मूल्य चुकाने का आदेश दिया है. सोने का मूल्य फैसले की तारीख पांच मई 2015 से निर्धारित किया जायेगा. मुआवजा के रूप में 20 हजार व वाद खर्च के रूप में एक हजार रुपये अतिरिक्त भी भुगतान करने का आदेश दिया गया है. यह फैसला फोरम के अध्यक्ष गौतम महापात्र, सदस्य प्रेम चंद्र अग्रवाल व सदस्या कुंजला नारायण की संयुक्त बेंच ने सुनाया है.
क्या है मामला
चास के राम नगर कॉलोनी निवासी विश्वनाथ शर्मा ने सीसी केस संख्या 65/11 के तहत चास के मेन रोड स्थित महालक्ष्मी ज्वेलर्स पर उपभोक्ता फोरम में एक मामला दर्ज कराया था. विश्वनाथ शर्मा के अनुसार, 16 अप्रैल 2007 को उन्होंने महालक्ष्मी ज्वेलर्स में सोने के चार कंगन साफ-सफाई व नवीकरण के लिए दिया था. इसके लिए उन्होंने दुकानदार से रसीद भी ली थी, जिसके अनुसार 30 अप्रैल 2007 को समान की डिलिवरी देनी थी. लेकिन भुक्तभोगी की शिकायत है कि सोने के इन कंगनों को दुकानदार ने नहीं लौटाया. उन्होंने बताया कि बार-बार टाल मटोल करने के बाद महालक्ष्मी ज्वेलर्स के संचालक ने 24 मई 2011 को कंगन देने से इनकार कर दिया. इसके बाद घटना की शिकायत उपभोक्ता फोरम में दर्ज करायी गयी.
व्यवसायी का तर्क नहीं आया काम
फोरम से नोटिस मिलने के बाद महालक्ष्मी ज्वेलर्स के संचालक दिलीप कुमार शर्मा ने फोरम को बताया कि उपभोक्ता का दावा पूरी तरह से गलत है. कहा : जिस समय उपभोक्ता दुकान में सोने के कंगन देने की बात कह रहे हैं, उस समय यूको बैंक सेक्टर चार के लोन संबंधी मामले में दुकान बंद थी. संचालक के अनुसार, उसकी दुकान 30 जनवरी 2006 से पांच मई 2008 तक बंद थी. दुकान बंद रहने का कोई ठोस कागजात या अन्य सबूत व्यवसायी द्वारा अदालत में प्रस्तुत नहीं किया गया, जबकि उपभोक्ता ने महालक्ष्मी ज्वेलर्स द्वारा हाथ से लिख कर दिया गया रसीद प्रस्तुत किया था. रसीद में 32 ग्राम सोने (22 कैरेट) के जेवरात रिसीव करने और डिलिवरी देने की तारीख स्पष्ट रूप से लिखी थी. दोनों पक्ष की बात सुनने के बाद फोरम के अध्यक्ष ने महालक्ष्मी ज्वेलर्स की सेवा में कमी पायी. इसके बाद जेवर दुकान के मालिक को उपभोक्ता को सोने का मूल्य व अन्य खर्च देने का आदेश सुनाया.

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