‘लैंगिक भेदभाव के दौर में विकास संभव नहीं’

पिंड्राजोरा: चास महाविद्यालय के सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से साक्षरता और महिला सशक्तीकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. अध्यक्षता प्राचार्य प्रो पीएल वर्णवाल ने की. कार्यशाला विषय को प्रवेश कराते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो विजय प्रकाश ने कहा कि जब-तक हम समाज में फैली रुढ़िवादी तथा स्त्री विरोधी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2015 8:36 AM
पिंड्राजोरा: चास महाविद्यालय के सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से साक्षरता और महिला सशक्तीकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. अध्यक्षता प्राचार्य प्रो पीएल वर्णवाल ने की. कार्यशाला विषय को प्रवेश कराते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो विजय प्रकाश ने कहा कि जब-तक हम समाज में फैली रुढ़िवादी तथा स्त्री विरोधी विचारों से अपने आप को मुक्त नहीं करेंगे, हम एक स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं कर सकते हैं.

इसके लिए आवश्यक है उनमें साक्षरता की दर बढ़ायी जाये और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाया जाये. कार्यशाला में हुए डॉ एसएनपी टंडन और डॉ के एन झा ने कहा कि इसकी शुरुआत हमें सबसे पहले अपने घर से करना होगा.

मां-बाप को बेटा-बेटी में फर्क करना बंद करना होगा. समान शिक्षा, समान लालन पालन और समान अधिकार इन्हें प्रदान करना होगा. लैंगिक भेदभाव जब-तक हम खत्म नहीं करेंगे, उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में कारगर कदम नहीं उठायेंगे, तब-तक समाज और राष्ट्र का विकास संभव नहीं है. अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो पीएल वर्णवाल ने कहा कि जब-तक सार्वजनिक जीवन में देश की महिलाओं में शिक्षा और विकास में भागीदारी नहीं बढ़ती है, न तो देश की तरक्की होगी और न ही उनका उद्घार होगा. इस अवसर पर प्रो बीके सिंह, प्रो बीएन मल्लिक, प्रेम कुमार आदि उपस्थित थे.

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