सौ रुपये की नौकरी के लिए करोड़ों की फजीहत
बोकारो. विभिन्न सेक्टरों में साफ-सफाई कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले मजदूरों के समक्ष बेरोजगारी की स्थिति आ गयी है. पांच वर्षो से भी अधिक समय से कार्यरत पुराने 61 सफाई कर्मियों ने नौकरी से निकालने के विरोध में बुधवार को भी ठेकेदार के खिलाफ आंदोलन किया. नये सफाई कर्मियों को काम करने से […]
बोकारो. विभिन्न सेक्टरों में साफ-सफाई कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले मजदूरों के समक्ष बेरोजगारी की स्थिति आ गयी है. पांच वर्षो से भी अधिक समय से कार्यरत पुराने 61 सफाई कर्मियों ने नौकरी से निकालने के विरोध में बुधवार को भी ठेकेदार के खिलाफ आंदोलन किया. नये सफाई कर्मियों को काम करने से रोका गया. इस दौरान पुराने व नये सफाई कर्मियों के बीच हल्की झड़प भी हुई. घटना बीएस सिटी थाना परिसर में हुई.
जीएम के आदेश पर काम करने गये थे : पुरानी महिला सफाई कर्मियों ने बताया कि नये ठेकेदार को हाल ही में बोकारो इस्पात प्रबंधन ने सफाई का काम दिया है, लेकिन उसने वर्षो से कार्यरत पुराने सफाई कर्मियों को बिना किसी कारण के काम से निकाल दिया. नये मजदूरों से काम लिया जाने लगा. इसका पहले भी विरोध किया गया था, जिसके बाद नगर सेवा भवन के जीएम ने पुराने सफाई कर्मियों को बुधवार से काम करने का निर्देश दिया था. इस बीच ठेकेदार ने स्थानीय बीएस सिटी थाना को अपने पक्ष में कर पुलिस का भय दिखा कर बुधवार से नये कर्मियों की मदद से काम चालू कराने का प्रयास किया.
थाना परिसर में विरोध कर काम रोका : महिला कर्मियों ने बताया कि जब वह बुधवार को सफाई करने गये तो देखा कि बीएस सिटी थाना परिसर में ठेकेदार के आदमी नये सफाई कर्मियों को झाड़ू व अन्य समान दे रहे हैं. इस पर पुराने सफाई कर्मी व नये सफाई कर्मियों के बीच थाना परिसर में ही झड़प हो गयी. महिला कर्मियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने ठेकेदार के इशारे पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए पुराने सफाई कर्मी सागर, अमर, जितेंद्र व नीरज को पकड़ कर थाना हाजत में डाल दिया. इसके बाद पुराने सफाई कर्मी थाना परिसर में धरना पर बैठ गये. घटना की सूचना पाकर भाजपा नेता कुमार अमित व सिटी डीएसपी अजय कुमार मौके पर पहुंचे.
रोजी रोटी के लिए कम मजदूरी में भी कर रहे थे काम : महिला कर्मियों ने सिटी डीएसपी को बताया कि ठेकेदार उनसे 120 रुपया प्रतिदिन की मजदूरी पर काम ले रहा था, जबकि बीएसएल से उसे प्रति मजदूर 213 रुपये मिलते हैं. इन सबके बावजूद सभी रोजी-रोटी की खातिर मुंह बंद कर चुपचाप काम कर रहे थे. लेकिन जब नये ठेकेदार को काम मिला तो उसने सभी पुराने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. डीएसपी ने महिला कर्मियों को आश्वासन देकर शांत कराया.