प्रेशर में सब्जेक्ट सेलेक्शन न करें स्टूडेंट्स

बोकारो: सीबीएसइ 10वीं के परिणाम घोषित होने के बाद शहर के स्कूलों में सब्जेक्ट सेलेक्शन का फाइनल राउंड शुरू हो गया है. इससे पहले अप्रैल के सेशन में अधिकांश स्कूलों में बच्चों को प्रोविजन एडमिशन दे दिये गये थे. इस दौरान बच्चों को अपने पसंदीदा विषय की कक्षा में बैठ कर उसे समझने का मौका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2015 8:40 AM
बोकारो: सीबीएसइ 10वीं के परिणाम घोषित होने के बाद शहर के स्कूलों में सब्जेक्ट सेलेक्शन का फाइनल राउंड शुरू हो गया है. इससे पहले अप्रैल के सेशन में अधिकांश स्कूलों में बच्चों को प्रोविजन एडमिशन दे दिये गये थे. इस दौरान बच्चों को अपने पसंदीदा विषय की कक्षा में बैठ कर उसे समझने का मौका दिया जा रहा था.

रिजल्ट आने के बाद प्राप्त परिणामों के आधार पर स्कूलों में फाइनल सब्जेक्ट सेलेक्शन का दौर शुरू हो चुका है. कुछ स्कूलों में इसके लिए दोबारा काउंसेलिंग व एप्टीट्यूड टेस्ट भी लिए जा रहे हैं. एक्सपर्ट के अनुसार अब पैरेंट्स या पीयर प्रेशर में आकर स्टूडेंट्स कोई विषय नहीं चुन रहे, बल्कि वे अपनी रुचि खासकर अपने शौक को ही अपना कॅरियर बनाने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं. शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यही उचित है.

कारण, कई बार ऐसा होता है कि विद्यार्थी अपने अभिभावक या दोस्तों की देखा-देखी या सामाजिक दबाव के कारण 11वीं में ऐसा विषय ले लेते हैं, जिसमें उनकी क्षमता कम होती है. इससे वह विषय में अच्छा नहीं कर पाते हैं. अगर स्टूडेंट्स अपने मन मुताबिक सब्जेक्ट लेता है तो अच्छा करता है.

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