बुजुर्ग एनआरआइ की हत्या में महिला समेत तीन हिरासत में
जैनामोड़: जरीडीह थाना क्षेत्र के चिलगड्डा पंचायत स्थित आशा बिहार अस्पताल के प्रबंधक विनय कुमार सिंह (69) की बुधवार की रात हुई हत्या के मामले में पुलिस ने जैनामोड़ शिक्षक कॉलोनी निवासी रेखा गुप्ता, उसके पति दीपक गुप्ता व सुकुमार बेसरा को हिरासत में लिया है. शव को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने मृतक के […]
जैनामोड़: जरीडीह थाना क्षेत्र के चिलगड्डा पंचायत स्थित आशा बिहार अस्पताल के प्रबंधक विनय कुमार सिंह (69) की बुधवार की रात हुई हत्या के मामले में पुलिस ने जैनामोड़ शिक्षक कॉलोनी निवासी रेखा गुप्ता, उसके पति दीपक गुप्ता व सुकुमार बेसरा को हिरासत में लिया है. शव को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने मृतक के छोटे भाई विपिन कुमार सिंह को सौंप दिया. पीस वर्ल्ड सोसाइटी के सचिव सुखदेव रजक के आवेदन पर कुल पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इनमें से संतोष पांडेय व विजय मुमरू फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
इन सब पर षड्यंत्र रच कर विनय सिंह की हत्या करने का आरोप लगाया गया है. चर्चा के अनुसार अस्पताल की पुरानी कमेटी व नयी कमेटी की रंजिश में विनय की हत्या की गयी. कमेटी के बीच विवाद लंबे समय से था. बताया गया कि विनय सिंह ने स्थापना काल से कार्यरत कर्मचारियों को अस्पताल से निकाल दिया था, जिसके बाद विवाद और गहरा गया था.
कैसे घटी घटना : अस्पताल के फार्मासिस्ट रवींद्र नाथ महतो ने बताया कि रात करीब 10 बजे विनय कुमार सिंह जैनामोड़ से उसके साथ बाइक पर सवार होकर अस्पताल लौट रहे थे. इस क्रम में अस्पताल से महज आधा किमी पहले गोपालपुर मोड़ के समीप घात लगा कर बैठे दो अलग-अलग बाइक पर सवार नकाबपोश पांच अज्ञात अपराधियों ने उन्हें रोक कर लिया और पर्स व मोबाइल लूट लिया.
अपराधियों ने बाइक चला रहे रवींद्र नाथ महतो के सिर पर वार कर उसे जख्मी कर दिया और फिर विनय सिंह को दूसरी ओर ले जाकर लाठी-डंडों से पीट कर हत्या कर दी. देर रात रास्ते से गुजर रहे अस्पताल के अन्य कर्मचारियों ने विनय सिंह का शव देख दूसरे लोगों को इसकी सूचना दी. घायल रवींद्र का इलाज बीजीएच में चल रहा है. उसकी स्थिति भी नाजुक बतायी जा रही है.
2011 से अस्पताल के प्रबंधक थे विनय सिंह
जर्मन की संस्था पीस वर्ल्ड सोसाइटी के सौजन्य से संचालित आशा विहार अस्पताल के प्रबंधक के रूप में 2011 से पदस्थापित थ़े उन्होंने अपने पैतृक गांव बिहार के छपरा के हीरखीलगंज में आरंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद आगे की पढ़ाई करने जर्मनी गये. वहां इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करने के बाद 40 वर्षो तक अभियंता के पद पर नौकरी की. सेवानिवृत्ति के बाद रांची में आकर रहने लग़े यहां उनके एक मित्र ने उन्हें कसमार थाना क्षेत्र के कोतोगाड़ा निवासी संदीप दास गुरु के पिता और आशा बिहार की संस्थापक कल्याणी दीदी से मिलाया व साथ मिल कर काम करने पर सहमति बनी. 2011 में विनय सिंह सोसाइटी से जुड़ कर परियोजना संचालक बने. इसके बाद अस्पताल के संचालन के लिए पुनर्गठित समिति द्वारा उन्हें अस्पताल का प्रबंधक बनाया गया. बीच में कमेटी के साथ अनबन होने पर कुछ दिनों के लिए पद से हटे भी, लेकिन फिर मामला सलट गया. विनय के भाई विपिन कुमार सिंह ने बताया : रांची में पढ़ाई की बाद में कोडरमा से माइनिंग डिप्लोमा के उपरांत हाइ स्टडी के लिए अगस्त 1966 में जर्मनी गय़े वहां नौकरी के दौरान उन्होंने एक जर्मन महिला से प्रेम-विवाह किया. जर्मनी की नागरिकता भी हासिल कर चुके थे. उनके दो बच्चे, एक बेटा और एक बेटी वर्ष 2004 से रांची में रह रहे हैं. वे भी वर्ष 2011 से जोहार अस्पताल आशा विहार से जुड़े हैं.
पुलिस बुधवार की रात से ही घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की छानबीन में जुट गयी है. सोसाइटी के सचिव सुखदेव रजक के बयान पर दर्ज मामले की दिशा में भी जांच की जा रही है. अपराधी जल्द सलाखों के पीछे होंगे.
अरविंद कुमार, थाना प्रभारी, जरीडीह