बोकारो: डीसी मनोज कुमार के निर्देश पर गठित टीम ने बुधवार को सेक्टर 5 स्थित मानव सेवा आश्रम में पहुंच कर छात्र के भागने व उसके साथ हुई मारपीट के मामले की जांच की. इस क्रम में टीम ने बच्चों व संचालक से पूछताछ की. आश्रम के संचालक ने बताया : बच्ची स्कूल जाने में आनाकानी करती थी.
उसके लिए डांट-डपट की जाती थी. उसे अच्छे स्कूल में पढ़ाया जाता था. टीम ने पाया कि आश्रम की खिड़कियां बड़ी हैं, इससे आसानी से भागा जा सकता है. टीम ने जांच के बाद उक्त बच्ची से मिलने के लिए इंद्रधनुष विद्यालय गयी. टीम ने बच्ची से बात-चीत की. बताया : उसे वहां अच्छा नहीं लगता था. उसकी पिटाई भी की जाती है. बच्ची वापस आश्रम में नहीं आना चाहती है. टीम में चास एसडीओ मंजु कुमारी स्वासी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी वंदना सेवजलकर के अलावा जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी शामिल थी.
14 जुलाई को आश्रम से गायब हुई थी शिल्पा व अंजलि : 14 जुलाई को आश्रम से शिल्पा व अंजलि के गायब होने की सूचना आश्रम संचालक महेंद्र प्रसाद ने सेक्टर छह थाना को दी थी. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी नूतन मोदी ने 15 जुलाई को दोनों बच्चियों को चास तारानगर से बरामद किया था. अंजलि तारानगर स्थित अपने माता-पिता के आवास में रह गयी. जबकि शिल्पा को सीडब्लूसी की मदद से जैनामोड स्थित इंद्रधनुष आवासीय विद्यालय में पढ़ाई के लिए भेज दिया गया.
दोनों बच्चियों ने संचालक पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. जानकारी मिलने पर जिप अध्यक्ष मिहिर सिंह व जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक कुमार ने 15 जुलाई को आश्रम का निरीक्षण किया. शिल्पा से भेंट भी की थी. जिला योजना समिति की बैठक में जिप अध्यक्ष मिहिर सिंह ने मामले को उठाया था. इस पर सामाजिक कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने डीसी से जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी. इसे लेकर एसडीओ की अध्यक्षता में एक टीम ने बुधवार को आश्रम की जांच की.