सीसीएल की बीएंडके प्रक्षेत्र स्थित खासमहल व कोनार परियोजना में हमला त्न80 की संख्या में आये थे नक्सली
बेरमो/गांधीनगर : बेरमो कोयलांचल में सीसीएल की बीएंडके प्रक्षेत्र स्थित खासमहल व कोनार परियोजना में शुक्रवार रात करीब नौ बजे नक्सलियों ने हमला कर दिया. परियोजना के पुराना कांटा घर से लेकर माइंस एरिया तक खड़े 30 डंपर और दो पे-लोडर को आग के हवाले कर दिया. घटना के समय परियोजना में 50 से अधिक डंपर व अन्य वाहन खड़े थे. घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत है. नक्सलियों की संख्या करीब 80 थी. सभी सशस्त्र हथियारों से लैस थे.
टंकी फोड़ कर जलायी गाड़ियां
ट्रकों के चालक और उप चालकों ने बताया : रात नौ बजे के आसपास करीब 80 नक्सली हथियारों से लैस होकर पहुंचे थे. नक्सलियों ने गाड़ियों के कागजात और लाइसेंस लेकर उतर जाने को कहा. इसके बाद नक्सलियों ने एक के बाद एक डंपरों को आग के हवाले कर दिया. चालकों के अनुसार, नक्सलियों ने डंपर की तेल टंकी को फोड़ कर मशाल जलायी और फिर आग लगा दी. सबसे पहले बेरमो बस्ती के ट्रक मालिक बंधन के डंपर (जेएच 09यू-3561 ) को फूंका. बंधन के अनुसार उसकी गाड़ी के पास छह-सात की संख्या में नक्सली पहुंचे. पेपर व लाइसेंस लेकर उतर जाने को कहा. इसके बाद आग लगा दी.
ब्लास्ट से गूंज उठा इलाका
डंपरों में आग लगाने के बाद लगातार ब्लास्ट होने लगा. इस कारण पूरा क्षेत्र धमाकों से गूंज उठा. जिन डंपरों में आग लगायी गयी, उन्हें कोयला लोड कर वजन कराने के लिए कांटा घर के पास खड़ा किया गया था. ये डंपर डीवीसी के बोकारो ताप विद्युत केंद्र व सीसीएल के जारंगडीह रेलवे साइडिंग पर जानेवाले थे. इनमें पांच-छह डंपर और पे-लोडर बेरमो की आरकेटी कंपनी की बतायी जाती है.
ऑफिस छोड़ कर भाग गये जवान, नहीं पहुंची पुलिस
नक्सलियों के आने की सूचना पर कांटा घर में तैनात सीआइएसएफ के जवान भी ऑफिस खुला छोड़ कर भाग गये. बेरमो पुलिस घटना के करीब ढाई घंटे बाद भी नहीं पहुंची. घटनास्थल से पांच किमी दूर बोकारो थर्मल थाना व दो किमी दूर गांधीनगर थाना है.
कर्मियों ने भाग कर बचायी जान
सभी चालक और उप चालक ट्रक छोड़ कर भाग गये. परियोजना में द्वितीय पाली में कार्यरत व रात्रि पाली में ड्यूटी करनेवाले कर्मी जहां थे, वहीं दुबक गये. कांटा घर के कर्मी बगल की झाड़ी में छिप गये और किसी तरह भाग कर कुरपनिया पहुंचे. बाजार बंद हो गये.
2006 में हुआ था हमला
इस परियोजना पर 2006 में भी नक्सलियों ने हमला किया था. उस समय सीआइएसएफ के दो जवान और चार ग्रामीण मारे गये थे. पुलिस घंटों मशक्कत के बाद घटनास्थल पर पहुंच पायी थी.