सरकार बोलती कुछ है, और करती कुछ है. श्रमेव जयते का नारा लगाने वाली सरकार श्रमिकों के अधिकार को खत्म करना चाहती है. सरकार नया श्रम कानून लाकर मजदूरों का हक छीनने की योजना बना रही है. यह बातें एटक के सेंटर पदाधिकारी विद्यासागर गिरि ने रविवार को कही.
वह सेक्टर-12 स्थित सामुदायिक भवन में बोकारो के विभिन्न ट्रेड यूनियन के संयुक्त कन्वेंशन को संबोधित कर रहे थे. केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से 12 सूत्री मांगों को लेकर दो सितंबर को देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति बनी.भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री विंदेश्वरी प्रसाद ने कहा : सरकार श्रम कानून को कमजोर कर कॉरपोरेट हाउस को फायदा पहुंचाना चाहती है. सीटू के बीडी प्रसाद ने कहा :
आजाद भारत के 68 वर्ष के संघर्ष को सरकार एक झटके में खत्म कर रही है. मजदूरों के पीएफ का पैसा शेयर बाजार में लगाया जा रहा है. एसएमएस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा : हर यूनियन विकास का पक्षधर है, लेकिन मेहनतकश की कीमत पर कॉरपोरेट का विकास स्वीकार नहीं.